सिस्टर मेरी लूसिया किम ने संत पापा लियो के मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया
वाटिकन न्यूज़
वाटिकन सिटी, मंगलवार 18 नवंबर 2025 : "यह इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी है कि मैं खुद को बहुत छोटी महसूस करती हूँ, लेकिन मैं प्रभु का धन्यवाद करती हूँ जिन्होंने मुझे कलीसिया और धर्मसंघ की सेवा के लिए बुलाया है और मैं अपनी धर्मबहनों को उनकी प्रार्थनाओं और उनके विश्वास के लिए धन्यवाद देती हूँ।" 60 वर्षीय कोरियाई धर्मबहन मेरी लूसिया किम ने गुरुवार 2 अक्टूबर को धर्मसंघ की स्थापना की 110वीं वर्षगांठ पर आयोजित 12वीं महासभा के दौरान संत पॉल की पुत्रियों की नई सुपीरियर जनरल चुने जाने के बाद वाटिकन रेडियो-वाटिकन न्यूज़ से बात करते हुए अपनी नई भूमिका का वर्णन इस प्रकार किया। अपने चुनाव के बाद उन्होंने संत पापा लियो से मुलाकात की।
संत पापा लियो से मुलाक़ात
नवनिर्वाचित सुपीरियर जनरल ने संत पापा के साथ हुई मुलाक़ात के बारे में कहा: "उन्होंने हमें ऊपर की ओर देखने, पवित्र आत्मा से प्रेरित होने और इतिहास में डूबने के लिए आमंत्रित किया।" धन्य जेम्स अल्बेरियोन के विशन के अनुसार, जिन्होंने मीडिया के प्रचार-प्रसार पर ज़ोर दिया, दुनिया भर में सुसमाचार फैलाने के अपने मिशन के प्रति निष्ठावान, संत पॉल की पुत्रियों को संत पापा लियो से आध्यात्मिक दिशा-निर्देश प्राप्त हुए। सिस्टर मेरी ने कहा, "संत पापा की सिफ़ारिशें एक मार्गदर्शक प्रकाश हैं जो हमारी महासभा की यात्रा का सार प्रस्तुत करती हैं। हम अपने हृदय में पवित्र आत्मा द्वारा संत पापा के माध्यम से हमें बताई गई बातों को संजोकर रखना चाहती हैं और आगे आने वाले मार्ग पर ईमानदारी से चलना चाहती हैं।" उनकी हार्दिक अपील: "हम अपनी यात्रा के लिए आपकी प्रार्थनाओं की अपेक्षा करती हैं।"
धर्मनिरपेक्षता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियाँ
सिस्टर मेरी ने दक्षिण कोरिया की कलीसिया के बारे में भी बातें की, जहाँ उन्होंने प्रांतीय सुपीरियर के रूप में कार्य किया था: "कोरिया में, कलीसिया का विकास हो रहा है, लेकिन इसे धर्मनिरपेक्षता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास से नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो हमारे दैनिक जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती हैं।" उन्होंने बताया कि कोरियाई कलीसिया विश्व युवा दिवस 2027, एक बहुप्रतीक्षित आयोजन, की खुशी से तैयारी कर रही है।
नवीनीकरण के लिए कार्य
संत पॉल की पुत्रियों की महासभा सिस्टर मेरी को "एक गहन नवीनीकरण की इच्छा - एक 'नवीनता' की खोज और उसे अपनाने की इच्छा, एक भाईचारे की पुनः खोज और एक उपहार को पुनर्जीवित करने की इच्छा" सौंपती है। आज, संत पॉल की पुत्रियों का धर्मसमाज पाँच महाद्वीपों के 52 देशों में है और 2,000 से अधिक धर्मबहनें हैं। 200 से अधिक समुदाय प्रकाशन गृह, किताबों की दुकानें, मल्टीमीडिया केंद्र चलाती हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से सुसमाचार प्रचार में संलग्न हैं।
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