अस्सी वर्ष पूर्व हिरोशिमा पर परमाणु बम विस्फोट का एक दृश्य अस्सी वर्ष पूर्व हिरोशिमा पर परमाणु बम विस्फोट का एक दृश्य  (ANSA)

दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने की परमाणु निरस्त्रीकरण की अपील

रोम के ला सापियेन्सा विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में, हिरोशिमा हमले के उत्तरजीवी मासाशी इशिमा और आईसीएएन के फ्लोरियन एबलेनकैम्प ने "इटली, थिंक अगेन" अभियान के तहत छात्रों और नागर समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

वाटिकन सिटी

रोम, शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 (वाटिकन न्यूज़): रोम के ला सापियेन्सा विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में, हिरोशिमा हमले के उत्तरजीवी मासाशी इशिमा और आईसीएएन के फ्लोरियन एबलेनकैम्प ने "इटली, थिंक अगेन" अभियान के तहत छात्रों और नागर समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

अपील

"किसी भी इंसान को वह अनुभव दोबारा नहीं करना चाहिए जो हमने अनुभव किया।" यह हृदयस्पर्शी अपील हिरोशिमा बम विस्फोट में जीवित बचे, निहोन हिडांक्यो संगठन के सदस्य एवं 2024 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मासाशी इशिमा ने की। उन्होंने यह अपील "इतालिया रिपेन्साची" जागरूकता अभियान के तहत इतालवी शांति एवं निरस्त्रीकरण नेटवर्क, निरस्त्रीकरण पुरालेख और "बी द होप" फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में छात्रों से मुलाकात के दौरान की।

पुरस्कार विजेताओं के साक्ष्य

मासाशी इशिमा ने हिरोशिमा परमाणु बम की भयावहता को याद किया और छात्रों को संबोधित कर वही अपील की जो उन्होंने कुछ घंटे पहले इतालवी सांसदों से की थी: "किसी भी इंसान को वह सब दोबारा न सहना पड़े जो हमने सहा।" उन्होंने कहा, "परमाणु निरस्त्रीकरण एक मानवीय विकल्प है।"

अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन आईसीएएन की ओर से बोलते हुए, 2017 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता फ्लोरियन एबलेनकैम्प ने ज़ोर देकर कहा कि दुनिया के अधिकांश देश पहले से ही परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि का समर्थन करते हैं, जो सामूहिक विनाश के इन हथियारों के पूर्ण उन्मूलन का एक ठोस रास्ता है।

उन्होंने कहा कि 90 से ज़्यादा देशों ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन इटली अभी तक इसका सदस्य नहीं है, और उसने फिलहाल इस प्रक्रिया से बाहर रहने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "इटली परमाणु निरस्त्रीकरण को फिर से शुरू करने में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है और उसे निभाना भी चाहिए, क्योंकि लोगों की सुरक्षा आपसी विनाश के खतरे पर नहीं, बल्कि सहयोग और विश्वास पर टिकी है।"

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25 अक्तूबर 2025, 11:31