दक्षिणी कोरियाः धर्माधिकारियों द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की अपील
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी 29 दिसंबर 2024 (रेई) दक्षिणी कोरिया की भयानक हवाई दुर्घटना के देखते हुए दक्षिण कोरिया के धर्माध्यक्षों ने इस बात पर जोर दिया है कि बेहतर सुरक्षा उपायों को यथाशीघ्र लागू किया जाए।
एक बोइंग 737-800 थाईलैंड से दक्षिण कोरिया के लिए 181 लोगों को लेकर उड़ा भरा थी जिसकी दुर्घटना हवाई पट्टी में पहुंचने के क्रम में हो गई। कम लागत वाली एयरलाइन की उड़ान में दो विमान परिचारकों को छोड़ बाकी सभी लोगों के मारे जाने की खबर है जिन्हें मलबे से निकाला गया है। यह दक्षिण कोरियाई की धरती में अब तक की सबसे खराब विमान आपदा है।
संत पापा फ्रांसिस के अपने विगत रविवारीय देवदूत प्रार्थना के उपरांत इस विमान दुर्घटना में मारे गये लोगों और उनके प्रियजनों के लिए प्रार्थना की। “मैं दक्षिण कोरिया में हुए विमान दुर्घटना में मारे गये लोगों और उनके परिजनों की याद करता हूँ जो शोकित हैं, मैं इस घटना में मारे गये लोगों, जीवित बचे घायलों के लिए प्रार्थनाएं अर्पित करता हूँ।”
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर लोगों में हंगामा मचा हुआ है वे इस बात पर सवाल कर हैं कि ऐसी त्रासदी कैसे हो सकती है।
सुरक्षा हेतु लिए आह्वान
एशिया समाचार संवाददाता ने इस बात की पुष्टि की है कि कोरिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष मथियास री इओंग-हून द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में देश के धर्माध्यक्षों ने भी बेहतर सुरक्षा उपायों के लिए अपनी आवाज़ उठाई है।
धर्माध्यक्षों ने कहा, “विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति ने हमारे जीवन को समृद्ध बनाया है, लेकिन हम उनके द्वारा अपने लिए आने वाली ख़तरे के नये रुपों को नजरअदांज नहीं कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “यद्यपि इन सभी खतरों को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन यह प्रबंधन कंपनियों और सरकारी अधिकारियों की भूमिका है कि जहाँ तक बन पड़े वे सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह अपने ऊपर लें।”
दयालु ईश्वर का आलिंगन
धर्मध्यक्षों ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने की आवश्यकता है जिससे “ऐसी त्रासदी को फिर से घटित होने से रोका जा सकें। अंत में, धर्माध्यक्षों ने इस बात को स्वीकार कि इस घटना में मारे गये लोगों और उनके रिश्तेदारों को हमारे सांत्वना के शब्द अर्याप्त हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि “दयालु ईश्वर पीड़ितों की आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारों के दर्द और घावों को चंगाई प्रदान करे।”
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