वाटिकन रेडियो की हिन्दी सेवा ने 60 साल पूरी की
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 18 दिसम्बर 2025 (वाटिकन न्यूज हिन्दी) : वाटिकन रेडियो के इतिहास में सन् 1965 में एक नया अध्याय जुड़ा, जब भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए हिन्दी प्रसारण का शुभारम्भ हुआ।
सन् 1964 ई. में, विश्व यूखरिस्तीय सम्मेलन के लिये, सन्त पापा पौल षष्टम ने भारत का दौरा किया था। उनकी इस महत्वपूर्ण यात्रा के कुछ ही महीनों बाद, सन् 1965 के मई माह से, वाटिकन रेडियो ने, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए, हिन्दी प्रसारण भी आरम्भ कर दी। सन् 1965 से सन् 1982 तक, सप्ताह में दो बार, हिन्दी प्रसारण हुआ करता था। सन् 1982 के बाद से दस मिनट के सन्ध्या प्रसारण को अगले दिन प्रातः भी सुनने की सुविधा बढ़ा दी गई।
सन् 1986 में जब सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने भारत की यात्रा की तब भारत और दक्षिण-पूर्वी एशिया के लिए दैनिक प्रसारणों की जरूरत महसूस की। वाटिकन रेडियो के भारतीय विभाग के तत्कालीन निर्देशक फादर जेवियर राजन एस.जे. की कड़ी मेहनत और लगन फल लाई और 31 जनवरी सन् 1986 से भारतीय भाषाओं को अतिरिक्त समय आबंटित कर दिया गया।
सन् 1990 से, हिन्दी भाषा में 15 मिनट के प्रातःकालीन प्रसारण के अतिरिक्त सन्ध्या कालीन प्रसारण में पाँच मिनटों का समाचार बुलेटिन भी जोड़ दिया गया। 1993 से हमारे प्रसारण प्रतिदिन 14 मिनटों के रूपक एवं छः मिनटों के समाचार के साथ आरम्भ हो गये थे। 20 मिनटों वाले सन्ध्या प्रसारण की प्रतिकृति दूसरे दिन प्रातः भी सुनी जा सकती है।
प्रसारण समय और आवृत्ति में वृद्धि के साथ ही, भारतीय भाषाओं ने भारत और श्री लंका में श्रोताओं की सुविधा के लिये अपने-अपने दफ्तर खोल लिये। स्थानीय दफ्तर श्रोताओं के पत्रों को, नई दिल्ली स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूतावास के सौजन्य से, रोम प्रेषित करते थे। रेडियो की मासिक पत्रिकाओं का मुद्रण एवं प्रेषण कार्य भी स्थानीय दफ्तरों द्वारा किया जाता था। सबसे पहले, सन् 1982 में, चेन्नई का दफ्तर खुला और बाद में कोलोम्बो एवं कोची का। भारतीय विभाग के तत्कालीन निर्देशक, फादर सिप्रियन एस.जे. की पहल पर, सन् 1999 में, झारखण्ड की राजधानी राँची में हिन्दी ऑफिस खोला गया।
वाटिकन रेडियो की वेब साईट को प्रतिदिन अपडेट कर, हिन्दी सेवा और अधिक समृद्ध बनी। वेब पेज अपडेट करने के अतिरिक्त, न्यूज़ बुलेटिन के माध्यम से समाचार प्रेषित की जाने लगी, जिसकी पहल फादर जस्टिन तिर्की एस.जे. ने सन् 2009 में की।
हिन्दी प्रसारण में आप सोमवार को देवदूत प्रार्थना के अवसर पर दिया गया सन्त पापा का सन्देश सुनकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मंगलवार को कलीसियाई दस्तावेज़ तथा बुधवार को साप्ताहिक आमदर्शन समारोह पर दिया सन्त पापा का सन्देश प्रसारित किये जाते हैं।
गुरुवार को पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल एक परिचय, शुक्रवार को सामयिक लोकोपकारी चर्चा, शनिवार को रविवारीय धर्मग्रन्थ एवं आराधना विधि चिन्तन और रविवार को महत्वपूर्ण सामाजिक मूद्दों पर साक्षात्कार एवं हिन्दी नाटक का आनन्द लिया जा सकता है। विश्व के विभिन्न देशों में सन्त पापा की प्रेरितिक यात्राओं पर भी हम विशिष्ट रिपोर्टों का प्रसारण करते हैं।
वाटिकन रेडियो ने 2017 में एक बड़ा बदलाव देखा, जब उसे वाटिकन संचार विभाग में जगह मिली और वाटिकन रेडियो में वाटिकन न्यूज भी जुड़ गया। इसके साथ ही वाटिकन न्यूज वेबसाई के नये डिजाईन के माध्यम से पाठकों एवं श्रोताओं के लिए अधिक सुगमता देने की कोशिश हुई। वर्तमान में हिन्दी विभाग के निदेशक फादर दिलीप संजय एक्का येसु संघी हैं, और उनके साथ सिस्टर उषा मनोरमा तिरकी डी.एस.ए., सिस्टर अनुग्रह मिंज एच. सी. और जूलयट जेनेविव क्रिस्टफर वाटिकन रेडियो हिन्दी सेवा के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।
नये बदलावों के अनुसार वाटिकन रेडियो प्रसारण डिजिटल रूप में भी उपलब्ध है जिसे किसी भी समय सुना जा सकता है। इन दिनों समय की मांग अनुसार सोशल मीडिया पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। फेसबुक, ट्वीटर (X), यूट्यूब, वॉट्सऐप चैनल आदि में वाटिकन रेडियो हिन्दी ने भी अपना खाता खोल लिया है और जिसको नियमित अपडेट किया जाता है। फिलहाल वेब रेडियो को भी परिष्कृत करने की कोशिश जारी है।
वाटिकन रेडियो की हिन्दी सेवा के निर्माता माता कलीसिया एवं उसके परमाध्यक्ष सन्त पापा की आवाज़ को, विश्व के साठ करोड़ हिन्दी भाषा-भाषियों तक प्रसारित करना अपना गौरव मानते हैं। प्रभु ईश्वर से हमारी मंगलयाचना है कि हमारे प्रयास, मानवीय एवं ख्रीस्तीय मूल्यों से समृद्ध, एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान प्रदान कर सकें।
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