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संत पापा बेनेदिक्त 16वें संत पापा बेनेदिक्त 16वें 

ख्रीस्तीय होना फिर से इंसान बनने सीखना है

संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के तीन साथी - कार्डिनल कर्ट कोच, प्रोफेसर राल्फ वीमान्न और महाधर्माध्यक्ष जॉर्ज गेंसवीन - उनकी मृत्यु की दूसरी साल सालगिरह पर संत पापा से संबंधित अपने विचारों को व्यक्त किया।

वाटिकन सिटी

संत पापा बेनेदिक्त 16वें की मृत्यु की वर्षगांठ पर आयोजित पवित्र य़ूखारिस्तीय बलिदान के बाद वाटिकन समाचार से बात करते हुए कार्डिनल कर्ट कोच ने कहा कि दिवंगत संत पापा “एक बहुत ही विनम्र व्यक्ति थे जो दूसरों के पास जाते और उनकी बातें को सुनते थे।” स्विस कार्डिनल ने कहा, “वे बहुत दयालु व्यक्ति थे”, जो ख्रीस्त एकता को बढ़ावा देने हेतु वाटिकन ख्रीस्तीय एकता हेतु गठित परमधर्मपीठ के प्रमुख थे। “उनकी आँखों में देखने से आप उनमें बहुत सारी आंतरिक रोशनी को देख सकते थे।” यह उनके लिए हमेशा बहुत महत्वपूर्ण था कि ख्रीस्त होना मानव होने पर आधारित हो। उनके लिए ये दोनों बातें एक थीं। ख्रीस्तीय होने का मतलब है फिर से मानव बनने सीखना है। और वे इसका एक बेहतरीन उदाहरण थे।"

ईश्वर की खोज

संत पापा बेनेदिक्त ने खुद एक बार कहा था कि उन्हें पता था कि उनका परमधर्मपीठीय कार्यकाल लंबे समय तक नहीं रहेगा,  जिससे वे कोई बड़ी परियोजना शुरू नहीं कर पाएंगे;  उनकी सोच, प्रेरिताई को, कलीसिया के केंद्र में आस्था को वापस लाना था। उक्त बातें स्विस कार्डिनल ने दिवंगत संत पापा के संदर्भ में व्यक्त की जो 2010 में संत पापा बेनेदिक्त 16वें द्वारा ईसाई एकता को बढ़ावा देने के लिए परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष नियुक्त किये गये थे।

“ईश्वर का सवाल उनके लिए केंद्रीय था। ईश्वर के प्रश्न की केंद्रीयता उनके संपूर्ण कार्य की आधारशिला थी - कोई भी ईश्वर नहीं,  बल्कि स्वर्ग के सर्वोच्च ईश्वर, वे ईश्वर जो गूंगे नहीं हैं बल्कि बोलते हैं, जिन्होंने अपनी प्रजा इस्रराएल से बातें कीं और उससे भी बढ़कर नाजरेत के येसु मसीह में उन्होंने अपने चेहरे को प्रकट किया। ईश्वर और ख्रीस्त पर आधारित उनके सवालों की केंद्रीयता: उनके कार्य का आंतरिक सार है जो निश्चित रूप से बना रहेगा।”

ख्रीस्तीय आशा

ख्रीस्त जयंती की पूर्व संध्या, 2025 की आशा जयंती के मद्देनजर, कार्डिनल कोच ने स्पे साल्वी का उल्लेख किया, जो ख्रीस्तीय आशा पर संत पापा बेनेदिक्त का एक विश्वव्यापी पत्र है।

उन्होंने कहा, "यह एक अद्भुत अध्याय है, जो हमें दिखाता है कि केवल वही व्यक्ति आशा रख सकता है जो खुद को बहुत गंभीरता से नहीं लेता है। बेनेदिक्त ने खुद एक बार इस विषय में कहा था- 'अगर हम खुद को और अधिक हल्के में लेते, तो हम स्वर्गदूतों और पक्षियों की तरह उड़ सकते थे'। लेकिन कभी-कभी हम खुद को इतनी गंभीरता से लेते हैं कि हम अक्सर धरती पर ही अटक जाते हैं। हम केवल तभी आशा रख सकते हैं जब हम अपने जीवन को ईश्वर की ओर उन्मुख करें। और इसीलिए वे हमें दिखाते हैं कि पवित्र वर्ष का आंतरिक अर्थ क्या है। यह द्वार, येसु मसीह के प्रतीक के साथ दिखाई देता है। केवल उनके माध्यम से ही हम पवित्रता तक पहुँच सकते हैं, और मुझे आशा है कि यह पवित्र वर्ष लोगों को वह पवित्रता हासिल करने में सक्षम बनाएगा जिसकी प्रतिज्ञा हमें बपतिस्मा में की गई है।  

एक ख्रीस्त और एक पिता

प्रध्यापक राल्फ़ वीमान्न ने भी वाटिकन समाचार को बतलाया कि एक व्यक्ति और एक पुरोहित के रूप में बेनेदिक्त ने उन्हें कितना प्रभावित किया: “मेरे लिए, संत पापा बेनेदिक्त सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण एक ख्रीस्तीय थे। यह कहना बहुत आसान है, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता। एक ख्रीस्तीय वह व्यक्ति होता है जिसने येसु मसीह को अपनाया है। और यही संत पापा बेनेदिक्त जोसेफ़ रैट्ज़िंगर का उद्देश्य था। उन्होंने सच्चाई के साथ मसीह का अनुसरण किया और उनकी गवाही दी। और इसने मेरे दिल पर गहरी छाप छोड़ी है और मैं इसके लिए उनका बहुत आभारी हूँ। वह मेरे लिए एक पिता की तरह थे, लेकिन सबसे बढ़कर एक ख्रीस्तीय। वे हमारे साथ एक ख्रीस्तीय, हमारे लिए एक पिता थे।”

जॉर्ज गेंसवीन: रोम में आत्मा

संत पापा बेनेदिक्त 16वें के लंबे समय तक निजी सचिव रहे महाधर्माध्यक्ष जॉर्ज गेंसवीन दुर्भाग्यवश इस वर्ष रोम में आयोजित सालगिराह में शामिल नहीं हो पाए। इस गर्मी से वे विल्नियस में स्थित बाल्टिक राज्यों के लिए प्रेरितिक कार्यों के अधिकारी हैं।

गेंसवीन ने वाटिकन समाचार को बताया, “यह दूसरा वर्ष है जब मैंने संत पापा बेनेदिक्त 16वें के बिना क्रिसमस मनाया है।” “मैं भौगोलिक रूप से घर से, रोम से जितना दूर होता हूं, मेरी आंतरिक निकटता उतनी ही बढ़ती जाती है। बेशक मुझे दुःख होता है। लेकिन मैं उनके संग और उनके साथ बिताए गए समय के लिए एक आंतरिक आशा और कृतज्ञता भी महसूस करता हूं। इस संबंध में, इस वर्ष का ख्रीस्त जयंती अन्य वर्षों से बहुत अलग रहा है। लेकिन यह अभी भी ख्रीस्त जयंती है, और मुझे पता है कि संत पापा ने मेरी मदद की है।”

उन्होंने ख्रीस्तीय आशा पर बेनेदिक्त के विश्वव्यापी पत्र को भी याद किया, जो पवित्र वर्ष में विशेष महत्व रखता है: 'स्पे साल्वी” एक विश्वव्यापी पत्र है जो मानवीय आशा को मुख्य रूप से ईश्वर की ओर निर्देशित करता है। और अंततः ईश्वर ही इस आशा को स्थापित करते हैं। हम उनमें इस आशा की नींव और लक्ष्य को पाते हैं। मेरे लिए, विश्वव्यापी पत्र और आशा, अपने जीवन में एक लंगर बन गई है, एक लंगर और मेरे जीवन का लक्ष्य भी। आशा मुझे कठिनाइयों और कष्टों से होकर पार होने, अपने जीवन के लक्ष्य की ओर आगे देखने, ईश्वर में निहित आशा की ओर देखने में मदद करती है।”

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02 January 2025, 15:49