खोज

पोप : नाइसिया हिंसा एवं संघर्ष के सामने ख्रीस्तीयों को एकता के लिए आमंत्रित करता है

पोप लियो 14वें ने नाइसिया, आज के इज़निक, (तुर्की) में विभिन्न कलीसियाओं के धर्मगुरूओं के साथ प्रार्थना की और सभी ख्रीस्तीयों को भाईचारे, बातचीत और सहयोग के रास्ते पर चलने के लिए आमंत्रित किया।

वाटिकन न्यूज

इज़निक, शुक्रवार, 28 नवंबर 2025 (रेई) : तुर्की की प्रेरितिक यात्रा में पोप लियो 14वें का महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा इज़निक की तीर्थयात्रा, जहाँ 1700 साल पहले नाइसीन की पहली महासभा सम्पन्न हुई थी। पोप लियो ने

इज़निक में संत निओफितो के प्राचीन महागिरजाघर की पुरातत्विक खुदाई के पास ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सभा में भाग लिया।

इस स्थान पर 2014 में, कुछ ऐसी चीजें मिलीं, जिन्हें एक पुराने महागिरजाघर के खंडहर के तौर पर जाना गया। यह गिरजाघर, लगभग 1,600 साल पहले संत निओफितो के नाम पर बनाया गया था, जो एक युवा ख्रीस्तीय शहीद थे और 303 में सम्राट दियोक्लेशियानो के अत्याचारों के दौरान मारे गए थे। यह गिरजाघर 740 में आए भूकंप में ध्वस्त हो गया था, और इसके बचे हुए हिस्से झील के पानी में समा गए थे। खंडहर अब किनारे से आसानी से दिखाई देता है।

पोप लियो 14वें और ख्रीस्तीय एकता प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम्यू प्रथम का स्वागत दो महाधर्माध्यक्षों ने अतिथि केंद्र के प्रवेश द्वार पर की, जो संत निओफितो के पुराने महागिरजाघर के पास है। धार्मिक नेता जुलूस में पुरातत्विक खुदाई के पास बने मंच तक गए और ख्रीस्त तथा महासभा की तस्वीर के सामने खड़े हुए। उन्होंने एक मोमबत्ती जलाई।

संत पापा ने उपस्थित विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों के धर्मगुरू और प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, इतिहास के एक ऐसे समय में जब कई दुखद घटनाएँ हुई हैं, जिसमें लोगों को अपनी प्रतिष्ठा के लिए अनगिनत खतरों का सामना करना पड़ा है, नाइसीन की पहली महासभा की 1700वीं सालगिरह, खुद से यह पूछने का एक बहुमूल्य अवसर है कि आज पुरुषों और महिलाओं के जीवन में येसु ख्रीस्त कौन हैं, और हममें से हरेक के लिए भी वे कौन हैं।”

ख्रीस्त की ईश्वरीयता

उन्होंने कहा, “यह सवाल उन ख्रीस्तीयों के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण है, जो येसु ख्रीस्त को केवल एक करिस्माटिक नेता या सुपरमैन समझने की जोखिम उठाते हैं। यह एक गलत बयानी है जो अंत में दुःख और भ्रम की ओर ले जाती है (पोप लियो 14वें, उपदेश, ख्रीस्तयाग, 9 मई 2025)। ख्रीस्त की ईश्वरीयता को नकारकर, एरियुस ने शरीरधारण की सच्चाई को नजरअंदाज करते हुए, उन्हें ईश्वर और मानव के बीच सिर्फ एक मध्यस्थ बना दिया,  जिससे ईश्वर और मानव हमेशा के लिए अलग हो गए। लेकिन अगर ईश्वर मानव नहीं बने, तो नश्वर प्राणी उनके अमर जीवन में कैसे हिस्सा ले सकते हैं? नाइसीन में जो दांव पर था, और आज भी दांव पर है, वह है उस ईश्वर में हमारा विश्वास, जो येसु ख्रीस्त में, हमारे जैसे बने ताकि हमें "ईश्वरीय स्वभाव का हिस्सा" बना सकें (2 पेत्रुस1:4; संत अथनासियुस, एडवर्सुस हेरेसेस, 3, 19; सेंट अथानासियुस, डी इनकार्नेशन, 54, 3)।

ख्रीस्तीयों की पूर्ण एकता

संत पापा ने कहा, “ख्रीस्त के स्वाभाव (क्रिस्टोलॉजी) पर विश्वास की यह अभिव्यक्ति, ख्रीस्तीयों की पूर्ण एकता की ओर बढ़ने के सफर में बहुत जरूरी है। क्योंकि इसे दुनियाभर के सभी ख्रीस्तीय कलीसिया और समुदाय साझा करते हैं, जिनमें वे भी शामिल हैं जो अलग-अलग वजहों से अपनी धर्मविधि में नाइसीन-कॉन्स्टेंटिनोपॉलिटन धर्मसार का इस्तेमाल नहीं करते हैं। असल में, “एक प्रभु येसु ख्रीस्त में विश्वास, जो ईश्वर के इकलौते बेटे हैं, जो सब युगों से पहले पिता से पैदा हुए... पिता से एक समान” (नाइसीन धर्मसार) एक गहरा बंधन है जो पहले से ही सभी ख्रीस्तीयों को एक कर रहा है। इस मायने में, संत अगुस्टीन कहते हैं, कि ख्रीस्तीय एकता के संदर्भ में हम यह भी कह सकते हैं कि, “भले ही हम ख्रीस्तीय कई हैं, एक मसीह में हम सब एक हैं।” (स्तोत्र 127 पर व्याख्या)

इसलिए, इस बात को जानते हुए कि हम पहले से ही इतने गहरे बंधन से जुड़े हुए हैं, हम पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में, आपसी प्यार और बातचीत में, येसु ख्रीस्त के बताए ईश्वर के वचन को और गहराई से मानने की अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं। इस तरह, हम सभी को उन मतभेदों की बुराई को दूर करने जो दुर्भाग्य से अभी भी मौजूद हैं और एकता की उस इच्छा को बढ़ाने के लिए के लिए बुलाया जाता है जिसके लिए प्रभु येसु ने प्रार्थना की और अपनी जान दे दी। हम ख्रीस्तीय जितना ज्यादा मेल-मिलाप करेंगे, उतना ही ज्यादा येसु ख्रीस्त के सुसमाचार की भरोसेमंद गवाही दे पाएंगे, जो सभी के लिए उम्मीद की घोषणा है। इसके अलावा, यह शांति और दुनियाभर में भाईचारे का संदेश है जो हमारे समुदायों और देशों की सीमाओं से परे है (पोप फ्राँसिस, ख्रीस्तीय एकता को बढ़ावा देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय विभाग की आमसभा में हिस्सा लेनेवालों को दिया गया भाषण, 6 मई 2022)।

आज, हिंसा और संघर्ष से परेशान पूरी मानव जाति, मेल-मिलाप के लिए पुकार रही है। येसु ख्रीस्त में विश्वास करनेवाले सभी लोगों के बीच पूरी तरह से एक होने की इच्छा, हमेशा सभी लोगों के बीच भाईचारे की तलाश से होती है। नाइसीन के धर्मसार में हम एक ईश्वर, पिता में अपना विश्वास व्यक्त करते हैं।

ईश्वर को पिता पुकारना

लेकिन, ईश्वर को पिता पुकारना मुमकिन नहीं होगा अगर हम उन सभी पुरुषों और महिलाओं को भाई और बहन मानने से इनकार कर दें, जो ईश्वर की छवि में बनाए गए हैं। (द्वितीय वाटिकन महासभा, ख्रीस्तीय एकता, नोस्त्रा ऐसासे घोषणा, 5) सभी जाति, राष्ट्रीयता, धर्म या निजी नजरिए से अलग, पुरुषों और महिलाओं में एक विश्वव्यापी भाईचारा है। धर्म, अपने स्वभाव से ही, इस सच्चाई का भंडार हैं और उन्हें लोगों, को इसे पहचानने एवं इसे अपनाने  के लिए बढ़ावा देना चाहिए (पोप लियो 14वें, शांति के लिए प्रार्थना की मीटिंग के आखिर में दिया गया भाषण, 28 अक्टूबर 2025)। इसके अलावा, हमें युद्ध, हिंसा, या किसी भी तरह के कट्टरपंथ या चरमपंथ को सही ठहराने के लिए धर्म के इस्तेमाल को पूरी तरह से मना करना चाहिए। इसके बदले, भाईचारा के साथ मिलने, बातचीत और सहयोग के रास्ते को अपनाने चाहिए।

अंत में संत पापा लियो ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, “मैं महामहीम बार्थोलोम्यू का बहुत शुक्रगुजार हूँ, क्योंकि उन्होंने बड़ी समझदारी और दूरदर्शिता के साथ, उसी जगह पर नाइसीन महासभा की 1700वीं सालगिरह एक साथ मनाने का फैसला किया, जहाँ यह सम्पन्न हुई थी। मैं विभिन्न कलीसियाओं के प्रमुखों और विश्व ख्रीस्तीय समुदायों के प्रतिनिधियों का भी दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता स्वीकार किया। सर्वशक्तिमान और दयालु पिता ईश्वर, आज हमारी दिल से की गई प्रार्थनाएँ सुनें, और यह महत्वपूर्ण वर्षगाँठ मेल-मिलाप, एकता और शांति के प्रचुर फल लाये।”

नाइसीन धर्मसार का पाठ

संत पापा के संदेश के बाद नाइसीन धर्मसार को एक साथ दुहराया गया एवं आशीष के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। उनके बाद धार्मिक नेता जुलूस में अतिथि सेंटर की ओर बढ़े। पोप लियो इजनिक से हेलीकॉप्टर द्वारा इस्तम्बुल लौट आये, जहाँ प्रेरितिक प्रतिनिधि आवास में तुर्की के धर्माध्यक्षों से एक निजी मुलाकात करेंगे।

पोप के अगले कार्यक्रम इस्तम्बुल में सम्पन्न होंगे जहाँ वे ख्रीस्तीय एकता के प्रतिनिधियों से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे, संत जोर्ज गिरजाघर में स्तुतिगान समारोह सम्पन्न करेंगे और पवित्र मिस्सा अर्पित करेंगे।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

28 नवंबर 2025, 15:24