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नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर पोंटिफिकल स्विस गार्डों के साथ संत पापा लियो 14वें नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर पोंटिफिकल स्विस गार्डों के साथ संत पापा लियो 14वें  (ANSA)

संत पापा लियो ने स्विस गार्डों को प्रभु के साथ मित्रता विकसित करने का निमंत्रण दिया

नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर पोंटिफिकल स्विस गार्डों का स्वागत करते हुए, संत पापा लियो 14वें ने परमाध्यक्ष बनने के पहले दिन से ही उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और उन्हें प्रभु के साथ अपनी आस्था और मित्रता विकसित करने हेतु आमंत्रित किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 3 अक्टूबर 2025 : वाटिकन के प्रेरितिक भवन में आज 3 अक्टूबर को पोंटिफिकल स्विस गार्ड कोर में नए भर्ती के शपथ ग्रहण करने वालों और उनके परिवार के सदस्यों का स्वागत करते हुए उनके समर्पण और निष्ठावान सेवा के लिए अपना आभार व्यक्त किया।

संत पापा ने कहा, “प्रिय स्विस गार्ड्स, मेरे परमाध्यक्षीय पद के पहले चरण से ही, मैं आपकी सेवा पर भरोसा कर पाया हूँ। मैं पारंपरिक शपथ ग्रहण समारोह के इस अवसर पर आपके समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करता हूँ। पेत्रुस के उत्तराधिकारी कलीसिया और विश्व की सेवा के अपने मिशन को इस विश्वास के साथ पूरा कर सकते हैं कि आप उनकी सुरक्षा पर नज़र रख रहे हैं।”

रोमन कूरिया के लिए एकता का संदेश

संत पापा ने कहा कि स्विट्ज़रलैंड के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले स्विस गार्ड, जिनकी अपनी-अपनी संस्कृतियाँ, भाषाएँ और परंपराएँ हैं, एक संगठित समूह बनाने, आपस में मित्रता के मज़बूत और स्वस्थ बंधन बनाने के लिए बुलाये गये हैं। विभाजन और अलगाव की बढ़ती प्रवृत्ति वाले इस संसार में सीखने, प्रगति करने और सेवा करने के लिए एक-दूसरे की आवश्यकता है। परोपकार, ईमानदारी, एकजुटता और पारस्परिक सम्मान वे स्तंभ हैं जिन पर एक सामंजस्यपूर्ण जीवन का निर्माण किया जा सकता है। वे अपने शब्दों और अपने आचरण, अपनी उदारता और अपने विश्वास से एक-दूसरे के लिए एक आदर्श बन सकते हैं और संपूर्ण रोमन कूरिया के लिए एकता का संदेश बन सकते हैं।

नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर संत पापा लियो 14वें
नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर संत पापा लियो 14वें   (ANSA)

प्रभु के साथ अपने रिश्ते को गहरा करें

संत पापा ने कहा कि रोम शहर, अपने खज़ानों और संपदाओं और इतिहास की एक अविस्मरणीय यात्रा प्रदान करता है। रोम ईसा मसीह का अनुसरण करने वाले उन पहले गवाहों की भूमि है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। इस अवसर का लाभ उठाकर, अपने आंतरिक जीवन को विकसित करें और प्रभु के साथ अपने रिश्ते को गहरा करें, जैसा कि संत अगुस्टीन ने सलाह दिया था: "अपने आप से बाहर मत जाओ, अपने आप में लौट आओ; सत्य भीतर के मनुष्य में निवास करता है।"

अवसरों से भरा मार्ग

संत पापा ने कहा कि इस शपथ के साथ वे अपने जीवन के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं। संत पापा ने उन्हें विनम्र और आज्ञाकारी मसीह से सीखते हुए इस मिशन को दृढ़ विश्वास के साथ जीने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही अपनी सेवा समाप्तकर वापस घर लौटने वाले स्विस गार्डों से कहा, “आप में से कई लोग परमधर्मपीठ की अच्छी और निष्ठावान सेवा करने के बाद घर लौटेंगे। तब अवसरों से भरा एक मार्ग खुलेगा। कुछ अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे, कुछ अन्य कार्य जगत में प्रवेश करेंगे। शायद कुछ ने पुरोहिताई का बुलाहट विकसित कर लिया होगा। कुछ लोग निश्चित निर्णय लेने से पहले दुनिया की खोजबीन करने निकल पड़ेंगे। आपका निर्णय जो भी हो, याद रखें कि रोमन कूरिया में आपका अनुभव आपको आत्मविश्वास और एक ख्रीस्तीय के विश्वव्यापी दृष्टिकोण के साथ बदलाव का सामना करने में मदद करेगा।”

शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर संत पापा लियो 14वें परिवार के सदस्यों के साथ
शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर संत पापा लियो 14वें परिवार के सदस्यों के साथ   (ANSA)

परिपक्वता और आशा

संत पापा ने अपनी पीढ़ी के सामने आने वाली कई चुनौतियों का ज़िक्र किया, जिनमें पर्यावरणीय मुद्दे, आर्थिक परिवर्तन, सामाजिक तनाव, डिजिटल क्रांति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य जटिल वास्तविकताएँ शामिल हैं "जिनके लिए विवेक और ज़िम्मेदारी की भावना की आवश्यकता है।"

उन्होंने कहा, "रोम में बिताया गया आपका समय, सामाजिक जीवन के इन क्षेत्रों में भी आपको गहरी परिपक्वता विकसित करने में मदद कर सकता है।" इस बात को ध्यान में रखते हुए, संत पापा ने उनसे आशा के साक्षी बनने, सुसमाचार के प्रति निष्ठावान और प्रभु में अपने विश्वास से प्रेरित होने का आग्रह किया।

संत पापा लियो ने कहा, "इस पवित्र वर्ष में, आप अपनी सरल गवाही के माध्यम से, उन लोगों के लिए आशा के मिशनरी बनें जिनसे आप मिलते हैं। आशा की ज्योति आपके मार्ग को रोशन करे और आपको साहसिक कदम उठाने और प्रेम की सभ्यता में मिलकर योगदान करने का साहस प्रदान करे।"

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03 अक्तूबर 2025, 15:28