2025.10.15संत पापा लियो 14वें, अगुस्टीनियन रिकॉलेक्ट धर्मबहनों के साथ 2025.10.15संत पापा लियो 14वें, अगुस्टीनियन रिकॉलेक्ट धर्मबहनों के साथ  (@Vatican Media)

अगुस्टीनियन धर्मबहनों से संत पापा: प्रभु ने आपको आनंद से भर दिया है

संत पापा लियो 14वें, अगुस्टीनियन रिकॉलेक्ट धर्मबहनों से मुलाकात की, उनके ईश्वर प्रदत्त आनंद का आनंद लिया और उन्हें प्रभु के साथ चलते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार 15 अक्टूबर 2025 : संत पापा लियो 14वें ने बुधवार 15 अक्टूबर को अपने आम दर्शन समारोह से पहले वाटिकन के संत पापा पॉल षष्टम हॉल के छॉटे कमरे में मेक्सिको के अगुस्टीनियन रिकॉलेक्ट धर्मबहनों से मुलाकात की।

संत पापा ने सभी का अभिवादन कर कहा, “इस पवित्र वर्ष में धर्मबहनें प्रभु से मिलने के एक पल को जीने के लिए रोम आई हैं, "और मैं देख सकता हूँ कि उन्होंने आपको आनंद से भर दिया है।"

संत पापा लियो 14वें, अगुस्टीनियन रिकॉलेक्ट धर्मबहनों  के साथ
संत पापा लियो 14वें, अगुस्टीनियन रिकॉलेक्ट धर्मबहनों के साथ   (@Vatican Media)

तीर्थयात्री प्रभु की ओर आनन्दपूर्वक चलते हुए

संत पापा ने कहा कि जिस जीवन को हमने इतने आनंद से अपनाया है, उसमें प्रभु से मिलने के लिए, हमें तीर्थयात्रियों की तरह एक पथ पर चलना होगा। यह सच है कि कई मार्ग हैं, लेकिन वे सभी दो पर आकर समाप्त होते हैं: दया और सच्चाई। मार्था की तरह दया के कार्यों में सेवा करते हुए या मरियम की तरह येसु के चरणों में विश्राम करते हुए सत्य का चिंतन करते हुए, इन दो मार्गों पर चलते हुए, हम प्रभु की ओर बढ़ते हैं।

संत पापा ने कहा कि वलेंसिया के धर्माध्यक्ष हमें सिखाते हैं कि यही वह मार्ग है जो सुसमाचार और प्रेरित पौलुस ने हमें दिखाया है, प्रेम का मार्ग: "ओह, प्रेम का मनोहर मार्ग!" "क्या प्रेम करने से ज़्यादा आसान, ज़्यादा सुखद कुछ भी है? [...] इसलिए, प्रेम का मार्ग आसान है, ईश्वर के प्रति और अपने पड़ोसी के प्रति! यह मार्ग कितना आसान है! यह मार्ग कितना सुंदर और सुखद है!" वास्तव में, वे सभी जिन्होंने अपने लक्ष्य तक पहुँचे हैं, "इसी मार्ग से पहुँचे हैं।"    

 प्रेम के बिना, परिश्रम अर्थहीन है

आगे संत पापा ने कहा कि यह प्रेम कठिन परिश्रम से प्राप्त नहीं होता, बल्कि एक उपहार के रूप में प्राप्त होता है। विल्लानोवा के संत थॉमस का कहना है कि "ईश्वर आपको चाहे कितना भी दे, यदि वह आपको अपना प्रेम नहीं देता, तो उसने स्वयं आपको अस्वीकार कर दिया है।" अतः हमारी यात्रा हृदय से शुरू होती है: "वास्तव में, ईश्वर यह नहीं देखते कि आप क्या या कितना करते हैं, बल्कि यह देखते हैं कि आप उनके प्रति कितनी चाहत और प्रेम में बढ़ते हैं, क्योंकि, यद्यपि यह सत्य है कि प्रत्येक का मूल्यांकन उसके कर्मों से होगा, फिर भी कर्मों का मूल्य हृदय के प्रेम में निहित है।" इसके अतिरिक्त, यदि प्रेम की अग्नि लुप्त है, तो परिश्रम अर्थहीन हो जाता है और "आत्मा पर बोझ" बन जाता है, लेकिन "जहाँ प्रेम है, वहाँ कोई पीड़ा नहीं है।"

अंत में संत पापा ने परामर्शदात्री माता मरियम की मातृ सुरक्षा तथा विलानोवा के संत थॉमस की मध्यस्थता का आह्वान करते हुए धैर्य और साहस के साथ पूर्णता के इस मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित किया।

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15 अक्तूबर 2025, 16:00