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पोप लियो 14वें की इटली के राष्ट्रपति सेरजो मतरेला से आधिकारिक मुलाकात में उपहारों का आदान प्रदान पोप लियो 14वें की इटली के राष्ट्रपति सेरजो मतरेला से आधिकारिक मुलाकात में उपहारों का आदान प्रदान  

इतालवी राष्ट्रपति से पोप : शांति के लिए सम्मानजनक, समृद्ध सह-अस्तित्व आवश्यक

पोप लियो 14वें ने इटली के राष्ट्रपति सेर्जो मतरेला से मिलने के लिए मंगलवार को रोम स्थित क्विरिनल पैलेस का आधिकारिक दौरा किया, तथा यूरोप में जन्म दर में गिरावट के बीच परिवार को सहायता प्रदान करने तथा विश्व के युद्धग्रस्त भागों में शांति को आगे बढ़ाने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया।

वाटिकन न्यूज

पोप लियो 14वें ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को रोम के क्विरिनल पैलेस की यात्रा की, जहाँ उन्होंने इटली के राष्ट्रपति सेरजो मतारेला से मुलाकात की और वाटिकन और इटली के बीच "सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों" पर बातचीत की।

यात्रा के अंत में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "रोम के बिशप और इटली के धर्माधिकारी के रूप में, इस यात्रा के माध्यम से, पेत्रुस के सिंहासन और इटली के लोगों, जिनका आप प्रतिनिधित्व करते हैं, के बीच के एक मजबूत बंधन को नवीनीकृत करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है।"

पोप ने कहा कि इटली और काथलिक कलीसिया का इतिहास सदियों से एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है, जिसकी झलक उन अनगिनत गिरजाघरों और घंटाघरों में दिखाई देती है, जहाँ इतालवी कलात्मक और सांस्कृतिक रचनात्मकता ने जन्म लिया है।

उन्होंने इन भौतिक रचनाओं को "इस देश की सहज रचनात्मकता, जो उनके सच्चे और दृढ़ विश्वास से जुड़ी है, की अभिव्यक्ति बताया, जिसने हमें एक अद्भुत सौंदर्य का प्रमाण दिया है: कलात्मक, निश्चित रूप से, लेकिन सबसे बढ़कर नैतिक और मानवीय।"

पोप लियो ने आशा की जयंती मनाने, दिवंगत पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित करने और कॉनक्लेव के साक्षी बनने आए लाखों तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के उनके प्रयासों के लिए इतालवी नागरिक अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

इन आयोजनों के दौरान की गई रसद और सुरक्षा व्यवस्था दुनिया के हर हिस्से से लोगों का स्वागत करने की इटली की इच्छा का "आतिथ्य और संगठनात्मक दक्षता का एक सुंदर प्रमाण" थी।

इसके बाद पोप लियो 14वें ने लातेरन संधियों की अगली शताब्दी को याद किया, जिन पर 1929 में हस्ताक्षर किए गए थे और जिनके तहत 1870 से इतालवी क्षेत्र से वाटिकन सिटी स्टेट का निर्माण हुआ था।

उन्होंने कहा कि कलीसिया और इतालवी राज्य जनहित को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते हैं, और मानव व्यक्ति की सेवा में उनके कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, "जिनकी अलंघनीय गरिमा सामाजिक विकास के सभी स्तरों पर, विशेष रूप से सबसे कमजोर और ज़रूरतमंद लोगों की रक्षा में, निर्णय लेने और कार्रवाई में हमेशा सबसे आगे रहनी चाहिए।"

पोप लियो ने उस "गंभीर पीड़ा" को याद किया जो "दुनिया भर में मानवता को आहत कर रही है और जिसके लिए तत्काल लेकिन दूरदर्शी प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।"

उन्होंने कहा कि शांति, विश्व के लिए कलीसिया की इच्छा का एक अनिवार्य तत्व है, और उन्होंने उन असंख्य युद्धों पर शोक व्यक्त किया जो इस ग्रह को तबाह कर रहे हैं।

पोप ने अपने कई पूर्ववर्तियों के शब्दों को याद किया जिन्होंने विश्व के युद्ध के कगार पर पहुँचने पर वैश्विक नेताओं से अपील की थी, जिनमें प्रथम विश्व युद्ध से पहले पोप बेनेडिक्ट 15वें और द्वितीय विश्व युद्ध से पहले पोप पीयुस 12वें शामिल हैं।

पोप लियो 14वें ने कहा कि उन्होंने पोप पॉल 6वें के साथ, अपनी “हार्दिक अपील” दोहराते हैं कि हम दुनिया के हर हिस्से में शांति की पुनर्स्थापना के लिए काम करते रहें और लोगों के बीच न्याय, समानता और सहयोग के सिद्धांतों—जो इसकी अपूरणीय नींव हैं—को और अधिक विकसित किया और बढ़ावा दिया जाए।”

पोप लियो ने युद्ध और गरीबी से उत्पन्न कठिनाइयों को कम करने के लिए इतालवी सरकार के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया, विशेषकर गाजा के बच्चों को वाटिकन के बम्बिनो जेसू अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति देने के उनके प्रयासों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि 2026 में असीसी के संत फ्राँसिस की 800वीं पुण्यतिथि होगी और यह अवसर हमारे साझा घर की देखभाल के महत्व को उजागर करने का एक अवसर है।

इसके बाद पोप ने हाल के दशकों में यूरोप में जन्म दर में आई गिरावट की ओर इशारा किया और पूरे समाज में परिवार और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने के प्रयासों का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, "आइए, हम परिवारों, खासकर युवा परिवारों, को आत्मविश्वास देने के लिए हर संभव प्रयास करें ताकि वे भविष्य को शांति से देख सकें और सद्भाव में आगे बढ़ सकें।"

पोप लियो ने प्रवासियों के लिए इटली की सहायता और मानव तस्करी से निपटने के प्रयासों के लिए भी आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, "ये हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से हैं और इटली ने इनसे कभी मुँह नहीं मोड़ा है। मैं आपको खुलेपन और एकजुटता के अपने दृष्टिकोण को जीवित रखने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।"

अंत में, पोप लियो 14वें ने इतालवी समाज को अपने पूर्वजों द्वारा उन्हें दी गई सांस्कृतिक की गहराई की सराहना करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि वे फैशन या मार्केटिंग के नाम पर लोगों की आजादी छीनने के प्रलोभन से बचें।

उन्होंने कहा, "इटली अपार समृद्धि का देश है—अक्सर विनम्र और छिपा हुआ—और इसी कारण, कभी-कभी इसे खोजे जाने और फिर से खोजे जाने की जरूरत होती है।" "मैं सभी इतालवी लोगों को इस खूबसूरत साहसिक कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, ताकि इससे आशा की किरण मिले और वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना किया जा सके।"

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14 अक्तूबर 2025, 15:45