पोंटिफिकल पुर्तगाली कॉलेज समुदाय से संत पापा: प्रभु के और करीब आयें
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, सोमवार 20 अक्टूबर 2025 : संत पापा लियो 14वें ने सोमवार 20 अक्टूबर के वाटिकन के कनसिस्ट्री भवन में पोंटिफिकल पुर्तगाली कॉलेजकी स्थापना की 125वीं वर्षगाठ पर समुदाय के सदस्यों से मुलाकात किया।
संत पापा ने कॉलेज के रेक्टर, पुरोहितों और कर्मचारियों का सहृदय स्वागत किया। संत पापा ने स्मरण किया कि यह संत पापा लियो 13वें ही थे, जिन्होंने "रोम में अपने याजक वर्ग के प्रशिक्षण के माध्यम से पुर्तगाली धर्माध्यक्षों द्वारा अपने धर्मप्रांतों के लिए देखी गई आध्यात्मिक भलाई से प्रेरित होकर" एक प्रक्रिया के समापन पर इसकी स्थापना की थी, जिसमें साओ जोआओ दा पेस्क्यूरा के विस्काउंट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कॉलेज की स्थापना पर विचार करने हुए, हम पाते हैं कि पुरोहित और लोकधर्मी एक ही यात्रा पर एकजुट हैं, समान लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि सुसमाचार का प्रचार बेहतर ढंग से हो सके।”
संत पापा ने कहा कि सदैव मिशन पर केंद्रित कलीसिया, आज अपनी धर्मसभा शैली को सुदृढ़ करने के लिए बुलाई गयी है, इन कलीसियाई अनुभवों को प्रसन्नतापूर्वक संजोती है तथा उन्हें आध्यात्मिक विरासत के रूप में संरक्षित करते हुए, उनमें आपसी मेल-मिलाप बढ़ाने की प्रेरणा पाती है।
पवित्र वर्ष के दो विशेष आयाम
संत पापा ने कॉलेज की स्थापना की जयंती के अवसर पर, रोम में उनके प्रवास के दो आयामों पर विचार किया, जिन्हें पवित्र वर्ष विशेष रूप से याद दिलाते हैं: कलीसिया की सार्वभौमिकता का आयाम और ईश्वरीय दया का आयाम।
संत पापा ने कहा कि जयन्ती समारोह बहुत सारे तीर्थयात्रियों के आगमन का साक्षी बनने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे कलीसिया की सार्वभौमिकता को समझा जा सकता है और इसका अनुभव हम इस शहर में विभिन्न तरीकों से करते हैं, अपनी संस्कृतियों की सुंदरता को साझा करके और अपनी स्थानीय कलीसियाओं की समृद्धि और अपने साथ लाए गए प्रेरितिक अनुभव के साक्षी बनकर। यह सब अनुभव करना प्रभु की ओर से एक उपहार है, और उनका धन्यवाद करने का सबसे अच्छा तरीका है, निडर होकर इस आदान-प्रदान की जीवंतता में प्रवेश करना, एकता और सहभागिता की बहुध्वनि में योगदान देना।
मसीह का हृदय
संत पापा ने आगे कहा कि जयंती वर्ष, मसीह के हृदय से प्रवाहित होने वाले दया के उपहार की गहन अनुभूति प्राप्त करने का एक अवसर है। और यह पवित्र हृदय ही है जिसने पुर्तगाली कॉलेज के इतिहास को शुरू से ही चिह्नित किया है, यहाँ तक कि इसके प्रतीक चिन्ह पर भी अंकित है। येसु के हृदय को समर्पित एक कॉलेज ईश्वरीय दया का विद्यालय है। संत पापा ने कहा, “वास्तव में, पहले छात्रों ने स्वयं को प्रभु को समर्पित कर दिया था। ऐसा करते रहिए! अपने जीवन को प्रभु के हृदय को सौंपते रहिए; उनके और निकट आते रहिए और उनसे दया सीखते रहिए!”
संत पापा ने कहा “जब आप रोम में हों तो अपने लिए एक "घर" बनाएं, एक घरेलू माहौल बनाएं जहां अपनी शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं से लौटने पर आप घर जैसा महसूस कर सकें। एक ऐसा घर बनाएँ जो स्वागत करने वाला भी हो, जैसा कि कलीसिया को होना चाहिए। यह कॉलेज के इतिहास में दर्ज है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों का स्वागत करने के कारण "हाउस ऑफ़ लाइफ" की उपाधि मिली थी। यह उपाधि आपके भाईचारे के दैनिक निर्माण में एक विरासत और एक ज़िम्मेदारी दोनों है।”
प्रभु के निकट बने रहें
इसके अलावा, उन्होंने उनसे कहा कि वे अपने धर्माध्यक्षों और धर्मप्रांतीय समुदायों के सामने येसु को प्रस्तुत करें, और अभी भी, उन विश्वासियों के लिए प्रार्थना करें जिनकी सेवा वे एक दिन अपने देशों में करेंगे।
उन्होंने आग्रह किया, "प्रभु येसु के निकट बने रहें, उनके वचन को सुनकर, संस्कारों का उत्सव मनाकर - विशेष रूप से यूखारिस्त - आराधना, आध्यात्मिक विवेक और आपस में भाईचारे के साथ।"
धर्मबहनों को विशेष धन्यवाद
संत पापा ने कॉलेज में सेवारत फ्रांसिस्कन धर्मबहनों की अनमोल उपस्थिति, पुरोहितों के प्रति उनके समर्पण और आपके मातृत्व भाव के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा कि आध्यात्मिक मातृत्व की निकटता की जगह कोई नहीं ले सकता। इसे वे पचास वर्षों से प्रदान और परिष्कृत कर रही हैं: हालाँकि यह गुप्त है, लेकिन ईश्वर से छिपा नहीं है।
संत पापा ने सभी कर्मचारियों को भी उनकी सेवा के लिए धन्यवाद दिया।
संत पापा लियो 14वें ने उपस्थित लोगों से अपने लिए प्रार्थना करने का आग्रह करते हुए कहा, "इस महीने, जब आप रोजरी प्रार्थना करें, तो फातिमा की माता से मेरे लिए, कलीसिया के लिए और शांति के लिए प्रार्थना करें।"
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