तोस्काना के धर्मप्रान्तों के तीर्थयात्रियों का अभिवादन
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में शनिवार को कलीसिया के जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित हुए इटली के तोस्काना प्रान्त के धर्मप्रान्तों से आये तीर्थयात्रियों का सन्त पापा लियो 14 वें ने अभिवादन किया।
कलीसिया की सार्वभैमिकता
उन्होंने तीर्थयात्रियों से कहा कि जयन्ती वर्ष की तीर्थयात्रा अपने विश्वास को नवीकृत करने का एक सुन्दर अवसर है। साथ ही यह कलीसिया की सामुदायिकता को भी अभिव्यक्ति प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्त की एकमात्र काथलिक कलीसिया विशेष वास्तविकताओं जैसे धर्मप्रांतों में अवतरित होती है, लेकिन यह हमें विश्वजनीन अथवा सार्वभौमिक होने के लिए भी आमंत्रित करती है, ताकि "हम स्थापित सीमाओं से परे, स्वयं को ईश्वर की संतानों का एक परिवार महसूस कर सकें, एक बंद पहचान के प्रलोभन पर विजय पा सकें और एकता एवं सहभागिता में जीवन यापन कर सकें।"
चुनौतियाँ
सन्त पापा ने कहा कि अपने-अपने धर्मप्रान्तों में आपने भी कई चुनौतियों जैसे धर्मशिक्षा के प्रशिक्षण, समर्पित जीवन हेतु बुलाहटों में कमी, कलीसियाई जीवन में लोकधर्मियों की भूमिका और उनकी भागीदारी तथा परिवारों, गरीबों, कार्य जगत आदि के जीवन में एकता में सूत्रबद्ध समुदायों की उपस्थिति का अभाव महसूस किया है।
सन्त पापा ने कहा कि इन सारी चुनौतियों का समाधान हमें सुसमाचारों में मिलता है, जिसके पाठ और जिसपर मनन-चिन्तन हमें आलोकित करता है। तोस्काना के काथलिकों से सन्त पापा ने कहा, "मैं आपको इस मार्ग पर चलते रहने के लिए आमंत्रित करता हूं, क्योंकि ये अनुभव हमें केवल वर्तमान को ही नहीं अपितु भविष्य को समझने में भी मदद कर सकते हैं।"
तोस्काना की सराहना
तोस्काना प्रान्त की सांस्कृतिक समृद्धि की सराहना करते हुए सन्त पापा ने कहा, "इटली के केन्द्र में स्थित आपकी भूमि, संस्कृति और कला का एक असाधारण केंद्र है, जो मध्य युग और पुनर्जागरण के अमिट निशानों को संरक्षित करता है और जिसने दांते अलिघिएरी, लियोनार्डो दा विंची जैसी कई अन्य प्रख्यात हस्तियों को जन्म दिया है, साथ ही आपका प्रान्त एक समृद्ध ख्रीस्तीय इतिहास का उत्तराधिकारी भी है, जिसमें सिएना की संत काथरीन, संत जेम्मा गलगानी और अन्य सन्तों के साथ साथ कई महत्वपूर्ण सन्त पापाओं की पवित्रता के बीज बोए गए थे।"
सन्त पापा ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि इस महान धरोहर की समृद्धि के कारण हम केवल अतीत पर विचार करने तक सीमित नहीं रह सकते, अपितु हमें आज के प्रश्नों पर विचार करना तथा उनके उत्तर ढूँढ़ना ज़रूरी है।
ख्रीस्तीयों से अपेक्षा
सन्त पापा ने कहा कि आज विश्वास का अभाव हालांकि एक संकटपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर रहा है तथापि, "मेरी मंगलकामना है कि तोस्काना के धर्मप्रान्त निकटता का दृष्टिकोण रखें, लोगों के संघर्षों और उनकी मेहनत को सुनें। उन्होंने कहा, मैं यह बात विशेष रूप से श्रम बाज़ार के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली चिंताजनक खबरों को दृष्टिगत रखकर कह रहा हूँ।"
श्रम जीवन का अनिवार्य आयाम
सन्त पापा ने कहा कि जैसा कि सन्त पापा पौल षष्टम श्रम के विषय में स्मरण दिलाते हैं, ख्रीस्तीय समुदाय को "न केवल अपने आप को उदार रखना चाहिए, बल्कि इससे भी अधिक, उसे बुद्धिमान समझ, सतर्क विवेक और मैत्रीपूर्ण संवाद की भावना के साथ इस श्रम जगत में भाईचारे और सक्रिय रूप से उपस्थित रहना चाहिये।
ख्रीस्तीय समुदाय से मांग की जाती है कि वह उन लोगों की मदद करे जो रोजगार और सामाजिक संकट के नकारात्मक परिणामों और भविष्य के लिए अनिश्चित संभावनाओं का सामना कर रहे हैं, उनकी समस्याओं का अध्ययन करके तथा समाधान विकसित करने के द्वारा ख्रीस्तीय समुदाय अपनी जिम्मेदारियों को संभाले।"
उन्होंने कहा, "मैं इसीलिए आपसे आग्रह करता हूँ कि आप कार्य की दुनिया के करीब एक कलीसिया बनें, दयालु और साकार बनें ताकि सुसमाचार की घोषणा न केवल सांत्वना और आशा की एक ठोस उपस्थिति बन जाए, बल्कि एक भविष्यवाणी भी बने जो सभी के लिए रोज़गार की गारंटी के महत्व को याद दिलाए, क्योंकि यह "सामाजिक जीवन का एक अनिवार्य आयाम है"।
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