उम्ब्रिया धर्मप्रान्त के तीर्थयात्रियों से सन्त पापा लियो 14वें
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 13 सितम्बर 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के उम्ब्रिया धर्मप्रान्त से जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में रोम आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन कर शनिवार को सन्त पापा लियो ने कहा कि जयन्ती की तीर्थयात्रा का अर्थ केवल एक शारीरिक संकेत ही नहीं है बल्कि यह मनपरिवर्तन और नवीनीकरण का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक कृत्य है।
प्रभु को अर्पण
सन्त पापा ने कहा कि सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के पवित्र द्वार तक प्रार्थनारत पहुँचते हुए आपने क्षमा की प्रार्थना कर अपने जीवन की नवीन शुरुआत का मनोरथ रखा है और जल्द ही आप ख्रीस्तयाग में शामिल होकर यूखारिस्त का समारोह मनायेंगे, जिसके दौरान आप एक प्राण होकर प्रभु को वह सब कुछ अर्पित करेंगे जो आप हैं और जो आपके पास है।
उम्ब्रिया प्रान्त के सौन्दर्य का स्मरण कर सन्त पापा ने कहा, आप कई मायनों में एक खूबसूरत क्षेत्र से आते हैं, जो इटली का हरा-भरा हृदय है तथा अपनी समृद्ध प्रकृति के साथ कला का खजाना, अपने गांवों और परंपराओं के साथ, संतों, महापुरुषों और महिलाओं दोनों की भूमि है। आप लोगों को यहां एक साथ देखकर मुझे मसीह के शरीर की सुंदरता और उसके रंग-बिरंगे सामंजस्य की याद आती है। आपकी भूमि के मनोरम दृश्य इसकी याद दिलाते हैं, जहां सृजन मानव के कार्य के साथ विलीन हो जाता है तथा कला और प्रकृति एक दूसरे की याद दिलाते हैं।
विश्वासियों की सुन्दर भूमि
सन्त पापा ने कहा कि इन सबसे बढ़कर, आपके क्षेत्र को सदियों से प्राप्त पवित्रता येसु के सुसमाचार की गवाही देती है, जहाँ रहस्यवादी और पश्चातापी, कवि और धर्मशास्त्री, मौन संन्यासी, विश्वास और साहस से परिपूर्ण महिलाएं, और उत्साही युवा लोग इस क्षेत्र की राहों पर चले हैं और युग-युग से उसी अद्भुत विरासत को आगे बढ़ाते रहे हैं।
सन्त पापा पौल षष्टम के शब्दों को उद्धृत कर सन्त पापा लियो ने कहा, "इस दुनिया को, जिसमें हम रहते हैं, निराशा में डूबने से बचने के लिए सुंदरता की ज़रूरत है। सुंदरता, वह अनमोल फल है जो समय के प्रहारों का प्रतिरोध करती है, पीढ़ियों को जोड़ती है और उन्हें प्रशंसा में भागीदार बनाती है।" उन्होंने उम्ब्रियावासियों से कहा, "आप विभिन्न रूपों में सौन्दर्य से घिरे हुए हैं: इसकी सराहना करें, इससे प्रेम करें, इसे ईश्वर के बारे में बात करने दें, और अपनी बारी में इसके संदेशवाहक बनें।"
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