सन्त पापा लियो सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, 27.09.2025 सन्त पापा लियो सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, 27.09.2025  (ANSA)

धर्मशिक्षकों से सन्त पापा लियो 14 वें

वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 सितम्बर 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): विश्व के विभिन्न देशों से धर्मशिक्षकों की जयन्ती हेतु रोम पहुँचे तीर्थयात्रियों को शनिवार को सम्बोधित कर सन्त पापा लियो 14 वें ने आशा के एक और पहलू पर अपने ध्यान केन्द्रित किया।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 सितम्बर 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): विश्व के विभिन्न देशों से धर्मशिक्षकों की जयन्ती हेतु रोम पहुँचे तीर्थयात्रियों को शनिवार को सम्बोधित कर सन्त पापा लियो 14 वें ने आशा के एक और पहलू पर अपने ध्यान केन्द्रित किया।

सादगी और विनम्रता

सन्त पापा ने कहा, "ईश्वर स्वतः को उनपर प्रकट करते हैं जो सरल और विनम्र होते हैं, इसलिये कि ऐसे लोग ईश्वर को ग्रहण करने के लिये सदैव तत्पर रहा करते हैं।" सन्त पापा ने कहा कि उनकी विनम्रता उनमें विश्वास की गहन समझ उत्पन्न कर देती है और उन्हें पवित्र आत्मा की प्रेरणा के अनुसरण में सक्षम बनाती है।

इटली के मिलान शहर के संरक्षक सन्त के सन्दर्भ में उन्होंने कहा, "यह मिलान के लोगों में परिलक्षित होता है, जिन्होंने लोकप्रियता के आधार पर संत एम्ब्रोस को अपना धर्माध्यक्ष चुना, हालाँकि उस समय वे बपतिस्मा की तैयारी कर रहे थे।" उन्होंने कहा कि विनम्र होने की वजह से ही सन्त एम्ब्रोस ईश्वर की कृपा पर भरोसा रखते हुए अपनी बुलाहट का प्रत्युत्तर दे पाये थे।

बच्चों के सदृश बनें

सन्त पापा ने कहा, "आज, हमें भी बच्चों के सदृश बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है। चाहे हम माता-पिता हों, छात्र हों या धर्मशिक्षक; व्यवसायी हों, पुरोहित हों या धार्मिक, हम सभी को प्रभु ईश्वर की प्रेरणाओं का विनम्रतापूर्वक अनुसरण करते हुए ख्रीस्तीय धर्म को प्रामाणिक रूप से जीने के लिए बुलाया गया है। कलीसिया और विश्व में निरंतर नवीनीकरण की आशा के साथ आगे बढ़ते समय सादगी की यह भावना हमें मार्गदर्शन प्रदान करे।"

नवीनीकरण की आशा

विश्व के कम से कम 115 देशों से रोम पहुँचे धर्मशिक्षक तीर्थयात्रियों का सन्त पापा ने अभिवादन किया तथा उन्हें परामर्श दिया कि जब वे दूसरों को विश्वास में शिक्षा देते हैं, तो उन्हें येसु के साथ एक रिश्ता विकसित करने के महत्व को ध्यान में रखना चाहिये। उन्होंने मंगलयाचना की कि प्रभु येसु ख्रीस्त का प्रेम हम सभी में उस आशा को पुनर्जीवित करे जो निराश नहीं करती।

26 सितम्बर से 28 सितम्बर तक काथलिक कलीसिया के गढ़ रोम में धर्मशिक्षकों की जयन्ती मनाई जा रही है जिसके लिये विश्व के लगभग 115 देशों से धर्मशिक्षक प्रतिनिधि रोम पहुँचे हैं। इनमें इटली, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, पोलैंड, यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमरीका, आर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे, मैक्सिको, पेरू, कोलंबिया, मोज़ाम्बिक, यूनाईटेड अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, भारत और ऑस्ट्रेलिया के काथलिक धर्मशिक्षक शामिल हैं।

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27 सितंबर 2025, 10:49