पोप लियो 14वें : "खंडित विश्व में धर्म एकता का आधार बन सकते हैं"
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 30 सितंबर 2025 (रेई) : पोप लियो 14वें ने अक्टूबर महीने के लिए पोप के वीडियो का नया संस्करण जारी किया है, जिसमें उन्होंने विश्वासियों से प्रार्थना करने का आह्वान किया है ताकि विभिन्न धार्मिक परंपराओं के अनुयायी शांति, न्याय और मानव बंधुत्व की रक्षा और संवर्धन के लिए मिलकर काम कर सकें। पोप ने ऐसे समय में प्रार्थना करने का आह्वान किया है जब संघर्ष और ध्रुवीकरण का दौर चल रहा है, जिसमें धर्म कभी-कभी विरोध के तर्क के आगे झुक जाते हैं। पोप हमें धर्म में बंधुत्व के सेतु और मेल-मिलाप की शक्ति को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित करते हैं।
हथियार या दीवारें नहीं, बल्कि पुल और भविष्यवाणी
पोप लियो की प्रार्थना का गहन अर्थ यह है कि विश्वासियों के बीच सहयोग केवल ईशशास्त्रियों और विशेषज्ञों तक सीमित न रहे, बल्कि हम सभी की ठोस और दैनिक प्रतिबद्धता से पोषित हो। वास्तव में, पोप प्रार्थना करते हैं कि हम "खुद को भाई-बहनों के रूप में पहचानना सीखें, जिन्हें साथ रहने, प्रार्थना करने, काम करने और सपने देखने के लिए बुलाया गया है।" वे पवित्र आत्मा का भी आह्वान करते हैं ताकि "हम पहचान सकें कि हमें क्या एकजुट करता है।" विभिन्न धार्मिक परंपराओं को "खंडित दुनिया में एकता का खमीर" कहा जाता है। लेकिन अक्सर मामला इसके विपरीत होता है: "हमें एकजुट करने के बजाय, यह टकराव का कारण बन जाता है।" इसलिए, पोप का निमंत्रण सभी विश्वासियों, ख्रीस्तीयों और गैर-ईसाइयों के लिए है। वे आह्वान करते हैं, "धर्मों का इस्तेमाल हथियारों या दीवारों के रूप में न किया जाए, बल्कि पुलों और भविष्यवाणी के रूप में किया जाए।"
नोस्त्रा ऐताते, 60 फलदायी वर्ष
प्रार्थना का आह्वान नोस्त्रा ऐताते की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर की जा रही है। यह द्वितीय वाटिकन महासभा का घोषणापत्र है जिसने काथलिक कलीसिया के अन्य धर्मों के साथ संबंधों को बदल दिया और संवाद, सम्मान और सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया। पोप के वीडियो का निर्माण उस महीने की शुरुआत का प्रतीक है जिसमें समकालीन समाज में महासभा के दस्तावेज़ की विरासत पर विचार करने के लिए विभिन्न पहलों की योजना बनाई गई है।
दस साल पहले, नोस्त्रा ऐताते की 50वीं वर्षगांठ पर, पोप फ्राँसिस ने इसकी प्रासंगिकता पर ज़ोर देते हुए याद दिलाया था कि संवाद के मार्ग में एक-दूसरे के प्रति ज्ञान, सम्मान और आदर की आवश्यकता होती है, और दुनिया विश्वासियों से शांति, भूख, गरीबी, पर्यावरण संकट और हिंसा, खासकर धर्म के नाम पर होनेवाली हिंसा के संबंध में प्रभावी प्रतिक्रिया की अपेक्षा कर रही है। इस संदर्भ में, पोप ने यह भी रेखांकित किया कि विश्वासियों के पास हर समस्या का "नुस्खा" नहीं है, लेकिन उनके पास एक विशाल संसाधन है: प्रार्थना, हमारा खजाना जिससे हम अपनी-अपनी परंपराओं के अनुसार लाभ उठाते हैं।
अक्टूबर : विभिन्न धार्मिक परम्पराओं के बीच सहयोग के लिए
"आइए, हम प्रार्थना करें कि विभिन्न धार्मिक परम्पराओं के अनुयायी शांति, न्याय और मानव बंधुत्व की रक्षा और संवर्धन के लिए मिलकर काम करें।
प्रभु येसु,
आप, जो विविधता में एक हैं
और हर व्यक्ति को प्रेम से देखते हैं,
हमें भाई-बहन के रूप में पहचानने में मदद करें,
जो साथ रहने, प्रार्थना करने, काम करने और सपने देखने के लिए बुलाए गए हैं।
हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो खूबसूरती से भरी है,
लेकिन गहरे विभाजनों से भी आहत है।
कभी-कभी, धर्म हमें एकजुट करने के बजाय,
टकराव का कारण बन जाते हैं।
हमें अपनी आत्मा प्रदान कर ताकि हमारे हृदय शुद्ध हो सके,
ताकि हम पहचान सकें कि हमें क्या जोड़ता है
और, वहाँ से, फिर से सुनना सीखें
और बिना किसी नुकसान के सहयोग करें।
धर्मों में शांति, न्याय और बंधुत्व के ठोस उदाहरण
हमें यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित करें कि हमारे मतभेदों से परे, साथ रहना
और साथ मिलकर काम करना संभव है।
धर्मों का इस्तेमाल हथियार या दीवार के रूप में न किया जाए,
बल्कि उन्हें पुलों और भविष्यवाणी के रूप में जिया जाए:
साझा भलाई के सपने को विश्वसनीय बनाया जाए,
जीवन के साथ जोड़ा जाए, आशा को बनाए रखा जाए
और इस खंडित दुनिया में एकता का आधार बने।
आमेन।"
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