लिविंग अन्सेस्टर्स:’ अफ़्रीकी धर्मबहनों की आवाज़ें मज़बूती का सबूत हैं
सिस्टर क्रिस्टीन मासिवो, सीपीएस
केन्या में जन्मी और अब अमेरिका में काम कर रही सिस्टर मुम्बी, फ्रेंड्स इन सॉलिडारिटी की अध्यक्ष हैं, जो दक्षिण सूडान में अमेरिका आधारित काथलिक गैर-लाभकारी समर्थन और क्षमता निर्माण मिशन है। वे कहती हैं कि उन्हें अफ्रीकी धर्मबहनों की आवाज़ उठाने का जुनून है, ऐसी महिलाएं जिनकी ज़िंदगी त्याग, विश्वास और ईश्वर और इंसानियत के प्रति पक्की प्रतिबद्धता से बुनी गई है। उनके काम अक्सर मौन, पब्लिक पहचान से दूर रहे हैं।
“वातावा वा ता”, जिसका स्वाहिली में मतलब है “रोशनी की समर्पित महिलाएं”, की पहल के ज़रिए, उन्होंने अफ्रीकी धर्मबहनों के लिए आपसी कामयाबी और नई शुरुआत हेतु बातचीत करने का एक मंच बनाया है। यह “लिविंग अन्सेस्टर्स” किताब लिखने की प्रेरणा देने का उपयुक्त जगह था।
जीवित पूर्वजों का जन्म
यह प्रोजेक्ट एक गहरे सवाल से शुरू हुआ: “क्या यह बहुत अच्छा नहीं होगा अगर हम अफ्रीका में धर्मबहनों की पुरानी पीढ़ियों की कहानियाँ बताएँ?” किताब के सहयोगियों में से एक, एलओएसएसएफ की सिस्टर जेन वाकाहिउ से प्रेरित होकर, सिस्टर मुम्बी ने उन धर्मबहनों को बुलाया जो धर्मसमाज में 30 से ज़्यादा सालों तक जीवन जीया है, ताकि वे अपनी जीवन यात्रा को ईशशास्त्रीय दृष्टिकोण से विचार कर सकें।
पहला खंड, जो पहले ही प्रकाशित हो चुका है, अफ्रीका की 15 धर्मबहनों के जीवन को दिखाता है। अलग-अलग धर्मसमाजों, संस्कृतियों और प्रेरितिक क्षेत्रों से आने वाली धर्मबहनें कुछ धर्मसमाज की संस्थापिकायें हैं जबकि अन्य अग्रणी मिशनरी हैं, लेकिन सभी धर्मसमाजी जीवन के आह्वान के लिए एक दृढ़ ‘हाँ’ साझा करती हैं। सिस्टर मुम्बी ने वाटिकन न्यूज़ को बताया, “ये धर्मबहनें दुनिया के अलग-अलग कोनों में छिपी हुई गहन ज़िंदगी जीती हैं।” “उनकी कहानियाँ सिर्फ़ अपनी तारीफ़ करने के लिए नहीं हैं; वे दृढ़ता, विश्वास और प्यार की पवित्र गवाही हैं।” इस किताब में हम उन धर्मबहनों से मिलते हैं जिन्होंने दूर-दराज के स्कूलों में पढ़ाया है, देश में अशांति के दौरान बीमारों की देखभाल की है, संस्थाओं की स्थापना की है और विश्वास के ज़रिए समाज को आगे बढ़ाया है। वे कहती हैं, “उनकी कहानियाँ सिर्फ़ यादें नहीं बल्कि जीता-जागता ईशशास्त्र है।”
अनकही कहानियाँ
अफ्रीका में कलीसिया को हमेशा अफ्रीकी धर्मबहनों की शांत मौजूदगी से समर्थन मिला है। वे पल्लियों में काम करती हैं, अस्पताल, स्कूल, अनाथालय चलाती हैं, इनमें से कई बहुत मुश्किल माहौल में काम करती हैं। उनकी कहानियाँ उनके समुदाय या देश के अलावा ज़्यादातर अनजान हैं।
‘लिविंग अंसेस्टर्स’ किताब दुनिया भर में काथलिक कलीसिया में उनके अहम योगदान को पक्का करता है और लंबे समय से ज़रूरी पहचान देता है। सिस्टर मुम्बी उनके अच्छे अनुभवों को लिखकर, युवा धर्मबहनों को उनकी जड़ें दिखाकर और दुनिया को अफ्रीकी धर्मसमाजी जीवन के फ़ायदों की तारीफ़ करने का मौका देकर पीढ़ियों के बीच के अंतर को कम कर रही हैं।
चुनौतियाँ
“हर सफलता की अपनी चुनौतियाँ होती हैं।” सिस्टर मुम्बी कहती हैं, “प्रोजेक्ट को भाषा और संरचनाओ की रुकावटों का सामना करना पड़ा।” अफ्रीका के कॉलोनियल इतिहास ने अपने पीछे भाषा के बंटवारे को छोड़ दिया है जो अक्सर इंग्लिश, फ्रेंच और पुर्तगाली बोलने वाली धर्मबहनों के बीच सही सहयोग को रोकता है।
वे बताती हैं, “कभी-कभी मैं ट्रांसलेशन ऐप्स पर निर्भर रहती थी, लेकिन पवित्र आत्मा ने हमेशा कोई रास्ता निकाल ही लिया। धर्मबहनों का भरोसा जीतना मुश्किल था, मैं कई धर्मबहनों से कभी नहीं मिली थीं और उन्होंने पहले कभी अपने निजी विचार नहीं लिखे थे। मैं कुछ पवित्र चीज की मांग कर रही थी, लेकिन ईश्वर ने दिया और यह पवित्र आत्मा का काम बन गया।”
उनका विशन
उनका विशन पूरे महादेश में फैला हुआ है। “मेरा सपना है कि मैं दस खंड प्रकाशित करूँ, जिसमें हर अफ़्रीकी देश की कम से कम एक धर्मबहन हो। मैं चाहती हूँ कि ये हमारा साझा आध्यत्मिक विरासत की याद बने।” वे भविष्य में धार्मिक जीवन, नेतृत्व और समग्र कल्याण पर फ़ोकस करने वाले ‘वातावा वा ता’ प्रोग्राम की भी योजना बना रही हैं, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, पोषण और आध्यात्मिकता पर महादेशीय स्तर पर वेबिनार शामिल हो।
वैश्विक धर्मबंधुत्व
अफ़्रीकी संदर्भ में गहराई से जुड़ी होने के बावजूद, लिविंग अन्सेस्टर्स की वैश्विक अहमियत है। सिस्टर मुम्बी ने ज़ोर देकर कहा, “अफ़्रीकी धर्मबहनें वैश्विक धर्मबंधुत्व का हिस्सा हैं।” “अपने संदर्भों, संघर्षों, खुशियों और इतिहास में खुद को जोड़कर, हम दुनिया को असली पहचान देती हैं। हम जैसी हैं, वैसे रहकर कलीसिया को मज़बूत करती हैं।”
अफ़्रीका से बाहर के लोगों के लिए, यह किताब एक ज़िंदादिल और मज़बूत आस्था परंपरा की झलक दिखाती है, जो एक ऐसी कलीसिया को दिखाती है जिसे धर्मबहनें विनम्रता और कृपा से सेवा करके बनाए रखती हैं। संत पापा फ्राँसिस ने ईश्वर के लोगों में महिलाओं के योगदान को पहचानने की अहमियत पर ज़ोर दिया और कलीसिया को याद दिलाया कि वह खुद एक महिला है, एक बेटी, एक दुल्हन और एक माँ।
हमारे बीच जीवित संतों का जश्न मनाना
सिस्टर मुम्बी एक अपील के साथ अपनी बात खत्म करती हैं,“हमें अपनी धर्मबहनों को फूल तब देना चाहिए जब वे जीवित हों।” ‘लिविंग अन्सेस्टर्स’ उन अग्रणी महिलाओं का सम्मान करता है जिन्होंने आधुनिक अफ्रीकी धर्मसमाजी जीवन को आकार दिया और नई पीढ़ियों को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रेरित किया। वे हमें याद दिलाती हैं कि उनकी पवित्रता सिर्फ गिरजाघरों या संत की उपाधियों में ही नहीं, बल्कि उन महिलाओं की रोज़ाना की हिम्मत में भी पाई जाती है जो सिखाने, स्वास्थ्य देखभाल करने, प्रार्थना करने और सेवा करने के लिए आगे आती हैं।
यह किताब ऑनलाइन उपलब्ध है और अफ्रीकी धर्मबहनें आने वाले खंड में योगदान देने और ‘वातावा वा ता’ के अंदर चल रही बातचीत में शामिल होने के लिए आमंत्रित हैं।
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