बैंगलोर में पोप फ्राँसिस प्रवासी केंद्र का उद्घाटन बैंगलोर में पोप फ्राँसिस प्रवासी केंद्र का उद्घाटन 

पोप फ्राँसिस का सपना साकार हुआ : बैंगलोर धर्मप्रांत ने नया शरणार्थी केंद्र खोला

बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष ने प्रवासी परिवारों की मदद के लिए एक नया कदम उठाया गया है। यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के पास उनके के लिए एक नया केंद्र बनाया है। यह कदम कलीसिया के करुणा, सम्मान और सबको साथ लेकर चलने के मिशन में एक मील का पत्थर है।

वाटिकन न्यूज

बैंगलोर, बृहस्पतिवार, 4 दिसम्बर 2025 (रेई) : प्रवासियों के लिए दशकों से अपनी समर्पित सेवा के लिए मशहूर, दुनियाभर में सम्मानित स्कालाब्रिनियन मिशनरियों के साथ, महाधर्माध्यक्ष ने पोप फ्राँसिस प्रवासी केंद्र और अस्थायी आवास (शॉर्ट स्टे होम) खोला है। यह सहयोग प्रेरितिक देखभाल और इस साझा विश्वास को एक साथ लाता है कि हर प्रवासी सुरक्षा, सम्मान और घर कहलाने वाली जगह का हकदार है। प्यार और सेवा के सुसमाचारी मूल्यों पर आधारित, यह परियोजना येसु के शब्दों को दिखाता है: “जो कुछ तुमने मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों के लिए किया, वह तुमने मेरे लिए किया।” (मती. 25:40)

उम्मीद और मानवता के चिन्ह इस प्रवासी केंद्र का उद्घाटन 3 दिसम्बर 2025 को हुआ। केंद्र का उद्घाटन एवं उसकी आशीष कार्डिनल सिल्वानो तोमासी ने की, उनके साथ बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष पीटर मचाडो; सहायक धर्माध्यक्ष  अरोकियाराज शशि कुमार; और सहायक धर्माध्यक्ष जोसेफ सुसैनथन भी शामिल हुए, जिन्होंने बिल्डिंग को आशीर्वाद दी। उनकी मौजूदगी ने इस मौके पर अपनापन, हौसला और आध्यात्मिक ताकत लाई। सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दिल को छू लेनेवाली मुस्कान और शुक्रिया अदा करने के भावों ने माहौल को भर दिया, जो उन प्रवासी समुदाय की विविधता और हिम्मत को दिखाता है जिनकी यह केंद्र सेवा करना चाहता है।

अपने प्रेरणादायक संदेश में कार्डिनल थोमासी ने तेजी से बदलती दुनिया में प्रेरितिक कोमलता के साथ कलीसिया के स्थायी मिशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कलीसिया जब भी प्रवासियों की देखभाल के लिए झुकती है, वह वहीं और उसी समय जीवित होती है। स्वागत का हर काम एक जीता-जागता सुसमाचार है।” उन्होंने महाधर्मप्रांत और स्कालाब्रिनियन परिवार के बीच साझेदारी की तारीफ की, और कहा कि नया सेंटर विश्वास की एक ठोस अभिव्यक्ति के तौर पर खड़ा है जिसे अमल में लाया गया है—यह थके हुए लोगों के लिए एक पनाहगाह, दूर से आनेवालों के लिए एक पुल, और इसके द्वार से आनेवाले सभी लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बन रहा है।

एक बहुत ही भावुक पल तब आया जब माननीय उर्जा मंत्री श्री के.जे. जॉर्ज ने अपने परिवार के सदियों पुराने प्रवासी सफर के बारे में बताया। उन्होंने याद किया कि उनके पुरखे लगभग 1,600 साल पहले सीरिया से केरल आये थे, और वे खुद अवसर और तरक्की की तलाश में बैंगलोर पलायन किये। उन्होंने कहा, “प्रवासन मेरे परिवार की कहानी का हिस्सा है।” “मुझे पता है कि फिर से शुरू करने का क्या मतलब है। इसीलिए मैं उम्मीद की तलाश में हर प्रवासी के साथ अपनापन महसूस करता हूँ।” कलीसिया की मानव सेवा के प्रति समर्पण की तारीफ करते हुए, उन्होंने आगे कहा, “सरकार हमेशा काथलिक कलीसिया के साथ खड़ी रहेगी ताकि एक ऐसा समाज बनाया जा सके जहाँ हर कोई – प्रवासी या स्थानीय – इज्जत और यकीन के साथ रह सके।”

इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने प्रवासन की प्रेरिताई में गहराई से लगी कलीसिया के प्रतिनिधियों की दिल छू लेने वाले संदेश भी सुने। सीसीबीआई के प्रवासन आयोग के अध्यक्ष, माननीय धर्माध्यक्ष विक्टर हेनरी ठाकुर ने वहाँ मौजूद लोगों को याद दिलाया, “एक प्रवासी को अकेला महसूस नहीं करना चाहिए। कलीसिया एक ऐसा घर बने जो उनकी बात सुने, उनकी रक्षा करे और उनके साथ चले।”

रांची के महाधर्माध्यक्ष और सीसीबीआई महासचिव, माननीय विंसेंट आइंद ​​ने आधुनिक प्रवासन की प्रेरिताई की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा, “लोगों का पलायन, हमें अपने प्रत्युत्तर में सक्रिय, दयालु और हिम्मतवाला बनने का आह्वन करता है। इस सेंटर का होना इस बात का संकेत है कि कलीसिया ध्यान और जवाब देनेवाली है।”

स्कालाब्रिनियन्स के सुपीरियर जनरल, माननीय फादर लियोनिर चियारेलो ने बताया, “130 से ज्यादा सालों से, हमारा मिशन प्रवासियों के साथ करुणा और व्यावसायिकता से पेश आना रहा है। यह निश्चित करते हुए कि कोई भी प्रवासी अनदेखा या बिना मदद के न रहे, यह केंद्र उस मिशन को जारी रखेगा।” मिलकर काम करने के सपने को और गहराई देते हुए, प्रोविंशियल सुपीरियर, माननीय फादर इग्नासियो गुटिएरेज़ ने उनके काम के पीछे के गाइडिंग प्रिंसिपल्स पर जोर दिया: बातचीत, सहयोग, सहकारिता और समन्वय।

उन्होंने समझाया, “ये चार C हमें याद दिलाते हैं कि प्रवासी की सेवा एक साझा मिशन है। जब हम दिल और हाथ मिलाते हैं, तो हमारा असर बदलाव लानेवाला होता है।”

जब आशीष का कार्यक्रम, आभार की भावना के साथ समाप्त हुआ तो एक बात साफ थी, यह केंद्र सिर्फ एक बिल्डिंग से कहीं बढ़कर है; यह उम्मीद का घर है। प्रेरितिक देखभाल, काउंसलिंग सेवा, कानूनी सहायता, दक्षता का विकास प्रोग्राम, आपातकालीन मदद और समुदाय बनाने की कोशिशों के साथ, पोप फ्राँसिस प्रवासन केंद्र एवं अस्थायी होम इस बात का गवाह है कि विश्वास, सहयोग और दया से क्या हासिल किया जा सकता है। ख्रीस्त के मिशन में जुड़ा और महाधर्मप्रांत तथा स्कालाब्रिनियंस के बीच साझेदारी से मजबूत हुआ यह सेंटर एक गहरी सच्चाई को दिखाता है: हर प्रवासन की कहानी पवित्र है, हर सफर इज्जत का हकदार है, और हर इंसान जो कलीसिया में पनाह लेता है, उसे एक परिवार मिलेगा।

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04 दिसंबर 2025, 15:59