यूक्रेन में युद्ध के बीच कलीसिया ने लगातार तीन वर्षों तक राहत कार्य जारी रखा
वाटिकन न्यूज
कीव, शनिवार 22 फरवरी 2025 : यूक्रेन में तीन साल के युद्ध ने देश को एक दुखद मानवीय स्थिति में छोड़ दिया है। हर दिन, लाखों यूक्रेनी बच्चे, महिलाएँ और पुरुष जीवित रहने में भारी कठिनाइयों का सामना करते हैं: 12.7 मिलियन से अधिक लोगों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है, जबकि 6.8 मिलियन यूक्रेनी शरणार्थी सुरक्षित आश्रय की तलाश में पड़ोसी देशों में भाग गए हैं।
6.8 मिलियन यूक्रेनी शरणार्थी और 12.7 मिलियन सहायता की आवश्यकता में
यूक्रेन की सीमाओं के भीतर, 3.6 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं, अपने घरों और अपने कारोबार को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। इस मानवीय आपदा को बढ़ाने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक कठोर सर्दी है, जिसमें तापमान -20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, जबकि राष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति के 60% से अधिक के नुकसान ने पूरे समुदायों को हीटिंग, बिजली और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच के बिना छोड़ दिया है।
रूस की ओर से लगातार गोलाबारी और बमबारी ने मानवीय संगठनों के लिए भोजन, कपड़े, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित लोगों तक पहुंचना बेहद मुश्किल और खतरनाक बना दिया है।
युद्ध में सबसे कमज़ोर लोगों के लिए कारितास की निरंतर सहायता
खतरों और रसद संबंधी कठिनाइयों के बावजूद, कलीसियाकी सहायता संगठनों ने परमधर्मपीठ और मानवीय संगठनों के साथ मिलकर, यूक्रेन में सबसे ज़्यादा ज़रूरतमंद लोगों की मदद प्रदान करना और बेहतर भविष्य की उम्मीद देना जारी रखा है।
उनमें से एक है कारितास, राष्ट्रीय काथलिक राहत और विकास एजेंसियों का वैश्विक संघ। 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की शुरुआत के बाद से, कारितास की यूक्रेनी शाखाएँ (कारितास स्पेस और कारितास यूक्रेन) और इसके साथी सदस्य बच्चों, विकलांगों, बुजुर्गों और महिलाओं सहित सबसे कमज़ोर लोगों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहे हैं।
तीन वर्षों में एसीएन से 25 मिलियन यूरो
इसके अलावा, काथलिक चैरिटी एड टू द चर्च इन नीड (एसीएन) भी अग्रिम पंक्ति में है। इस सप्ताह जारी एक बयान के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में पोंटिफ़िकल फ़ाउंडेशन ने देश में ग्रीक काथलिक और लैटिन काथलिक कलीसिया दोनों को बनाए रखने वाली विभिन्न मानवीय और प्रेरितिक परियोजनाओं के लिए 25 मिलियन यूरो से अधिक आवंटित किए हैं।
24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से, एसीएन ने लगभग एक हज़ार पहलों को मंज़ूरी दी है और उन्हें वित्तपोषित किया है। इस सहायता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा - लगभग 3.5 मिलियन यूरो- का उपयोग पुरोहितों को मिस्सा मतलब के माध्यम से समर्थन देने के लिए किया गया है, जिससे अत्यधिक कठिनाई के समय में उनके प्रेरितिक कार्य को जारी रखने की उनकी क्षमता सुनिश्चित होती है।
यूक्रेन के लोगों की भौतिक और आध्यात्मिक ज़रूरतों को संबोधित करना
चल रहे युद्ध ने पुरोहितों और विश्वासियों के दैनिक जीवन को गहराई से प्रभावित किया है और समय के साथ एसीएन की सहायता का फ़ोकस विकसित हुआ है। शुरुआत में, आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों की मदद करने की दिशा में प्रयास किए गए, जिन्हें संघर्ष के कारण अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालाँकि, जैसे-जैसे स्थिति आगे बढ़ी, स्थानीय विश्वासियों से मिली प्रतिक्रिया ने प्रेरितिक और आध्यात्मिक देखभाल की तत्काल आवश्यकता का संकेत दिया। जवाब में, एसीएन ने अपनी प्राथमिकताओं को पुरोहितों और धर्मबहनों के लिए निर्वाह सहायता, सेमिनेरियों के प्रशिक्षण, आघात देखभाल और परिवहन सहायता प्रदान करने में बदल दिया।
वर्ष 2024 में, एसीएन ने 1,472 धर्मप्रांतीय पुरोहितों, 1,380 धर्मबहनों, 60 धर्मसंघी ब्रदरों और 19 उपयाजकों को अपना समर्थन दिया। इसके अतिरिक्त, 768 सेमिनारियों को उनके प्रशिक्षण के लिए सहायता मिली, जिससे भविष्य के याजकों की निरंतर शिक्षा और तैयारी सुनिश्चित हुई। प्रेरितिक आउटरीच कार्यक्रम, जैसे कि "ईश्वर के साथ छुट्टियाँ" शिविरों ने 7,200 बच्चों और युवाओं को लाभान्वित किया, जिससे उन्हें स्कूल की छुट्टियों के दौरान आध्यात्मिक समृद्धि मिली।
आध्यात्मिक सहायता से परे, एसीएन ने व्यावहारिक सहायता भी प्रदान की है। संगठन ने चार मनो-आध्यात्मिक सहायता केंद्र स्थापित करने में मदद की और 58 वाहनों को खरीदने में वित्तपोषित किया, जो प्रेरितिक और मानवीय दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। इनमें से दो वाहनों को मोबाइल चैपल के रूप में फिर से तैयार किया गया है ताकि विवादित क्षेत्रों में लोगों तक धार्मिक सेवाएँ पहुँचाई जा सकें, जिसमें ओडेसा-सिम्फ़रोपोल धर्मप्रांत और पूर्वी यूक्रेन शामिल है। इसके अलावा, एसीएन ने पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए धन उपलब्ध कराया है, जैसे कि ल्वीव में एक कॉन्वेंट की मरम्मत और सुडोवा विश्न्या में मिसाइल हमलों से क्षतिग्रस्त एक गिरजाघर टॉवर का जीर्णोद्धार किया गया।
वैश्विक ख्रीस्तीय समुदाय की प्रार्थना और समर्थन यूक्रेनियों को जीवित रहने में मददगार
डोनेट्स्क धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष मैक्सिम रयाबुखा, जो वर्तमान में अपने क्षेत्र पर कब्जे के कारण ज़ापोरिज़िया में रह रहे हैं, एसीएन से वर्षों के संघर्ष के कारण होने वाली अपार पीड़ा और निराशा के बारे में मार्मिक ढंग से बात की और इन कठिनाइयों पर काबू पाने में एकजुटता और विश्वास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने एसीएन और उसके दाताओं के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सहायता के बिना, यूक्रेन में कलीसिया शायद जीवित नहीं रह पाती।
इसी तरह, ओडेसा के धर्माध्यक्ष स्तानिस्लाव शिरोकोराड्यूक ने कलीसिया पर पड़ने वाले अपार भावनात्मक बोझ पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से युद्ध के अनगिनत पीड़ितों को दफनाने में। युवा पुरुषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चों की दुखद क्षति सहित मृत्यु और विनाश की दैनिक वास्तविकता याजकों पर भारी पड़ती है। धर्माध्यक्ष स्तानिस्लाव ने इस बात पर जोर देते हुए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता के महत्व को रेखांकित किया, कि यूक्रेन के लोग अपने वैश्विक ख्रीस्तीय समुदाय की प्रार्थनाओं और समर्थन के कारण अकेले महसूस नहीं करते हैं।
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