पवित्रभूमि के धर्माध्यक्षों ने किया गाज़ा युद्धविराम का स्वागत
वाटिकन सिटी
गाज़ा, शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): पवित्र भूमि के काथलिक नेताओं ने बुधवार को घोषित गाज़ा युद्धविराम पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की है, लेकिन चेतावनी दी है कि यह एक “लंबी प्रक्रिया” का केवल पहला कदम है।
युद्धविराम पर संतोष
पवित्र भूमि के काथलिक धर्माध्यक्षों एवं प्राधिधर्माध्यक्षों की सभा ने गाज़ा में युद्ध विराम की घोषणा का स्वागत किया है, तथा आशा व्यक्त की है कि यह युद्ध विराम 15 महीने के युद्ध के कारण उत्पन्न "अत्यधिक पीड़ा" को स्थायी रूप से समाप्त कर सकेगा।
प्रेस विज्ञप्ति में, जैरूसालेम, फिलिस्तीन, इस्राएल, जॉर्डन और साइप्रस में अधिकार क्षेत्र रखने वाले सभी काथलिक धर्माध्यक्षों और प्राधिधर्माध्यक्षों से निर्मित सभा ने युद्ध विराम पर संतोष व्यक्त किया। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि "युद्ध की समाप्ति का मतलब संघर्ष का अंत नहीं है"।
काथलिक नेताओं ने कहा कि संघर्ष के अन्तर में "गहरी जड़ें जमाए हुए मुद्दों" को संबोधित करने के लिए एक "लंबी प्रक्रिया" की आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में, प्रेस विज्ञप्ति में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से “युद्धोत्तर काल के लिए एक स्पष्ट और न्यायसंगत राजनीतिक दृष्टिकोण विकसित करने” का आह्वान किया गया।
तीर्थयात्री और पवित्र वर्ष
पवित्रभूमि के काथलिक नेताओं ने यह भी कहा कि वे "पवित्र स्थानों पर तीर्थयात्रियों की वापसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं"। ख्रीस्तीय धर्म के तीर्थयात्री आमतौर पर पूरे साल फिलिस्तीन और इस्राएल में पवित्र स्थलों पर आते हैं, लेकिन अक्टूबर 2023 में युद्ध छिड़ने के बाद से वे लगभग पूरी तरह से गायब हो गए हैं, जिससे पर्यटन पर निर्भर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को विनाशकारी आर्थिक परिणाम भुगतने पड़े हैं।
अंततः, काथलिक नेताओं ने सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया द्वारा मनाई जा रही 2025 की जयंती का भी संदर्भ दिया, जिसका विषय 'आशा के तीर्थयात्री' है। उन्होंने "आशा को समर्पित जयंती वर्ष की शुरुआत में युद्धविराम को, "एक ऐसे संकेत के रूप में पढ़ा जो हमें ईश्वर की वफादारी की याद दिलाता है।"
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