ऐतिहासिक इतालवी जहाज को 2025 "जुबली गिरजाघऱ" नामित किया गया
वाटिकन न्यूज
रोम, बुधवार 15 जनवरी 2025 : इतालवी नौसेना के प्रमुख जहाज "अमेरिगो वेस्पुची" को 2025 के लिए "जुबली गिरजाघऱ" नामित किया गया है, जहाँ तीर्थयात्री पवित्र वर्ष के दौरान पूर्ण अनुग्रह प्राप्त कर सकते हैं।
इतालवी सेना के महाधर्माध्यक्ष सांतो मार्सियानो ने हाल ही में इतालवी सैन्य अध्यादेश में जुबली वर्ष के उद्घाटन के दौरान, "अमेरिका" को नाम देने वाले 15वीं शताब्दी के इतालवी खोजकर्ता के नाम पर ऐतिहासिक पोत को आधिकारिक रूप से नामित किया, जो सैन्य चैपलिनों और सशस्त्र बलों के सदस्यों की आध्यात्मिक सहायता के लिए जिम्मेदार धर्मप्रांत है।
अमेरिगो वेस्पुची का विश्व भ्रमण
जुलाई 2023 से, "अमेरिगो वेस्पुची", एक तीन मस्तूल वाला नौकायन जहाज जो 1931 में बना है और वर्तमान में इतालवी सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण जहाज के रूप में उपयोग किया जाता है, इटली के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में दुनिया भर में भ्रमण कर रहा है और पाँच महाद्वीपों के कई शहरों में रुक रहा है।
जहाज के प्रेस कार्यालय के बयान के अनुसार, "पवित्र तीर्थयात्राओं और समुद्र में अपने मिशनों के बीच पवित्र यात्राओं के लिए" एक जयंती स्थल के रूप में यह 28 दिसंबर तक इस दौरे को जारी रखेगा।
स्थानीय धर्माध्यक्ष द्वारा चुने गए गिरजाघऱ या तीर्थस्थल की तीर्थयात्रा, जयंती वर्ष के दौरान पूर्ण अनुग्रह प्राप्त करने हेतु विश्वासी लोगों के लिए शर्तों में से एक है। अन्य तरीकों में रोम की तीर्थयात्रा करना, रोम के कुछ गिरजाघऱों में प्रार्थना करना, दया के कार्य करना, सोशल मीडिया से दूर रहना और स्वयंसेवा करना शामिल है।
महाधर्माध्यक्ष मार्सियानो ने बताया कि पवित्र वर्ष के दौरान "सैन्य बलों के बीच रहने वाली कलीसिया भी ऐसे चिह्न स्थापित करना चाहती है जो उस आशा को व्यक्त करते हैं जिसका कलीसिया और दुनिया ईश्वर से इंतजार कर रही है, और जिसे ईश्वर सैन्य जगत को सौंपते हैं।"
उन्होंने कहा, "इनमें निश्चित रूप से पवित्र जयंती स्थल शामिल हैं, जिनके माध्यम से हमारी सेना जयंती दंडमोचन से प्राप्त आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकती है।"
समुद्र में सेना के आध्यात्मिक जीवन में साथ देना
महाधर्माध्यक्ष ने याद किया कि कैसे कई काथलिक पुरोहित हमेशा अमेरिगो वेसपुची पर सेवा करते रहे हैं, "चुपचाप लेकिन बहुत प्रभावी ढंग से चालक दल के आध्यात्मिक जीवन में साथ देते रहे हैं और वे आशा की जयंती के इस वर्ष में एक विशेष तरीके से ऐसा करेंगे।"
महाधर्माध्यक्ष मार्सियानो ने नेपलस के पास कसेर्ता प्रांत में सांता मारिया कपुआ वेटेरे में सैन्य दंड संगठन के गिरजाघर में मनाए गए एक पवित्र मिस्सा के दौरान जयंती का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया। अपने प्रवचन के दौरान, जयंती दंडमोचन का अर्थ समझाने के बाद, महाधर्माध्यक्ष मार्सियानो ने इस बात पर जोर दिया कि "क्षमा करना हमारे जैसे लोगों के लिए एक ठोस और मौलिक कदम है, जिन्हें शांति की संस्कृति बनाने के लिए बुलाया जाता है। अक्सर, दूसरों को क्षमा करने के लिए पहले खुद को क्षमा करना आवश्यक होता है।" उन्होंने तीर्थयात्रा के आयाम पर भी विचार किया, जो "कई मायनों में सशस्त्र बलों और पुलिस के पुरुषों और महिलाओं के जीवन और मिशन की विशेषता है, जो प्रत्येक के लिए विश्वास की यात्रा को चिह्नित करता है।"
फरवरी में सशस्त्र बलों और पुलिस की जयंती की तैयारी
इस बीच, सशस्त्र बलों और पुलिस की जयंती की तैयारी चल रही है, जो 8-9 फरवरी को रोम में दुनिया भर से सैन्य कर्मियों को एक साथ लाएगी। पहले दिन रोम के केंद्रीय चौकों में से एक में एक स्वागत समारोह होगा जिसमें एक अंतर-बल बैंड संगीत कार्यक्रम शामिल होगा। इसके बाद समूह संत पापा फ्राँसिस की अध्यक्षता में रविवार को पवित्र मिस्सा में भाग लेने से पहले संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के पवित्र द्वार की तीर्थयात्रा करेंगे। इस कार्यक्रम से पहले 6 और 7 फरवरी को रोम में यूरोपीय धर्माध्यक्षीय कॉन्फ्रेंस की परिषद के मुख्यालय में यूरोपीय सैन्य ऑर्डिनरी की बैठक होगी।
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